नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को कहा कि उसने 30 दिन तक निष्क्रिय रहने वाले ट्रेडिंग खातों में ग्राहकों के कोष के निपटान संबंधी मानदंडों को आसान बना दिया है।
संशोधित मानदंड तत्काल प्रभावी हो जाएंगे। यह कदम निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए बाजार प्रतिभागियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि संशोधित दिशानिर्देशों के तहत शेयर ब्रोकर को अब निष्क्रिय खातों की पहचान प्रतिदिन करने और तीन कार्यदिवसों के भीतर उनका निपटान करने की जरूरत नहीं रह गई है।
इसके बजाय ऐसे निष्क्रिय खातों में राशि का निपटान शेयर बाजारों द्वारा अपने वार्षिक कैलेंडर में अधिसूचित मासिक चालू खाता निपटान चक्र के दौरान किया जाएगा।
सेबी ने कहा, ‘‘पिछले 30 कैलेंडर दिन में कारोबार नहीं करने वाले ग्राहक के कोष का निपटान मासिक चालू खाता निपटान चक्र की आगामी निपटान तिथियों पर किया जाएगा।’’
संशोधित रूपरेखा अगस्त, 2024 में शेयर ब्रोकर के लिए जारी नियामकीय परिपत्र में दर्ज प्रावधानों को संशोधित करती है।
ये बदलाव उद्योग से मिली टिप्पणियों के बाद किए गए हैं। उद्योग ने निष्क्रिय खातों के लिए दैनिक निपटान को लेकर अपनी अक्षमता जताई थी।
नियामक ने दिशानिर्देश के अनुरूप अपने नियमों में संशोधन करने और अद्यतन प्रावधानों को व्यापक रूप से प्रसारित करने का शेयर बाजारों को निर्देश दिया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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