नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) दक्षिण कोरिया की वाहन विनिर्माता हुंदै की भारतीय इकाई हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड और खाद्य सामग्री व किराना की आपूर्ति करने वाली कंपनी स्विगी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की मंजूरी मिल गई है। मामले से जानकारी रखने वाले लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने पहले बताया था कि दक्षिण कोरिया की वाहन विनिर्माता कंपनी आरंभिक शेयर बिक्री के जरिये कम से कम तीन अरब डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) जुटाने की योजना बना रही है, जबकि स्विगी का आईपीओ 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का आंका गया है।
यदि हुंदै मोटर इंडिया का आईपीओ सफल हो जाता है तो यह भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इससे पहले देश में सबसे बड़ा आईपीओ भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का 21,000 करोड़ रुपये का था।
आईपीओ दस्तावेज जून में दाखिल किए गए थे। इसके अनुसार, आईपीओ पूरी तरह से प्रवर्तक हुंदै मोटर कंपनी द्वारा 14,21,94,700 शेयरों बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित होगा।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बुधवार को बताया कि कंपनी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से आईपीओ लाने की मंजुरी से जुड़ा ई-मेल मिला है।
हुंदै मोटर इंडिया ने भारत में 1996 में परिचालन शुरू किया था और वर्तमान में विभिन्न खंड में यह 13 मॉडल बेचती है।
जापान की वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी के 2003 में सूचीबद्ध होने के बाद दो दशक में पहली बार कोई वाहन विनिर्माता कंपनी आईपीओ ला रही है।
स्विगी ने गोपनीय ‘प्री-फाइलिंग रूट’ के जरिये 30 अप्रैल को दस्तावेज दाखिल किए थे। फिलहाल सभी विवरण गुप्त हैं।
सूत्रों ने बताया कि गोपनीय फाइलिंग प्रक्रिया के तहत सेबी की मंजूरी के बाद स्विगी दो अद्यतन ‘ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस’ (दस्तावेज) जमा करेगी। एक नियामक की प्रतिक्रिया से संबंधित और दूसरा 21 दिन में सार्वजनिक टिप्पणियां हासिल करने से जुड़ा होगा।
अंत में, सार्वजनिक टिप्पणियों के बाद परिवर्तनों को शामिल कर कंपनी दस्तावेज में बदलाव करना होगा।
स्विगी अंतिम दस्तावेज दाखिल करने के बाद आईपीओ ला सकती है।
अप्रैल में, सूत्रों ने बताया था कि स्विगी को नए शेयरों तथा बिक्री पेशकश के जरिये 10,414 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आईपीओ के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है।
भाषा निहारिका अजय
अजय
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