सनदी लेखाकारों, लेखांकन फर्मों की जांच से जुड़ी एनएफआरए की याचिका पर न्यायालय करेगा विचार |

सनदी लेखाकारों, लेखांकन फर्मों की जांच से जुड़ी एनएफआरए की याचिका पर न्यायालय करेगा विचार

सनदी लेखाकारों, लेखांकन फर्मों की जांच से जुड़ी एनएफआरए की याचिका पर न्यायालय करेगा विचार

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Modified Date: February 17, 2025 / 09:12 PM IST
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Published Date: February 17, 2025 9:12 pm IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जो सनदी लेखाकारों और लेखांकन फर्मों के कदाचार की जांच करने, उन्हें नोटिस जारी करने और सजा देने के प्राधिकरण के अधिकार से संबंधित है।

एनएफआरए ने दिल्ली उच्च न्यायालय के सात फरवरी के एक फैसले में कुछ निर्देशों को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

उच्च न्यायालय ने कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 132(4) की वैधता को बरकरार रखा था, जो एनएफआरए को किसी भी लेखांकन के संबंध में व्यक्तिगत भागीदारों और सनदी लेखाकारों (सीए) के साथ ही लेखांकन फर्मों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का अधिकार देती है।

हालांकि, अदालत ने डेलायट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी और फेडरेशन ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन जैसी कई लेखांकन फर्मों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि एनएफआरए की प्रक्रिया में ‘‘स्पष्ट रूप से तटस्थता और निष्पक्ष मूल्यांकन का अभाव था।’’

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की उच्चतम न्यायालय की पीठ ने एनएफआरए की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को सुनने के बाद लेखांकन फर्मों और अन्य को नोटिस जारी किया।

न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करने के साथ ही उच्च न्यायालय के फैसले पर कहा कि यह एक विस्तृत निर्णय है, जिस पर फिलहाल रोक नहीं लगाई जा सकी।

भाषा अजय पाण्डेय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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