एसबीआई ने जमा आकर्षित करने के लिए नवाचार उत्पाद पेश किए |

एसबीआई ने जमा आकर्षित करने के लिए नवाचार उत्पाद पेश किए

एसबीआई ने जमा आकर्षित करने के लिए नवाचार उत्पाद पेश किए

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Modified Date: January 3, 2025 / 10:20 PM IST
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Published Date: January 3, 2025 10:20 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जमा आकर्षित करने के लिए दो नई जमा योजनाएं ‘हर घर लखपति’ और ‘एसबीआई पैट्रन्स’ शुरू की हैं। एसबीआई ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि ये योजनाएं ग्राहकों को अधिक वित्तीय लचीलापन और उन्नत मूल्य प्रदान करने के लिए तैयार की गई हैं।

वित्तीय सुरक्षा की व्यापक आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए एसबीआई ने एक बयान में कहा कि ‘हर घर लखपति’ एक पूर्व-गणना वाली आवर्ती जमा योजना है, जो ग्राहकों को 1,00,000 रुपये या इसके गुणकों में जमा करने में मदद करने के लिए तैयार की गई है।

बैंक ने कहा कि यह उत्पाद वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे ग्राहक प्रभावी ढंग से योजना बना सकते हैं और बचत कर सकते हैं।

इसके अलावा, बैंक ने 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सावधि जमा योजना ‘एसबीआई पैट्रन्स’ भी पेश की।

यह उत्पाद कई वरिष्ठ ग्राहकों के बैंक के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को ध्यान में रखते हुए बढ़ी हुई ब्याज दरें प्रदान करता है। ‘एसबीआई पैट्रन’ मौजूदा और नए सावधि जमा ग्राहकों, दोनों के लिए उपलब्ध है।

‘एसबीआई पैट्रन्स’ जमाकर्ताओं को वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ब्याज दर की तुलना में 0.1 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा, जबकि आवर्ती जमा योजना सावधि जमा पर दी जाने वाली दरों के समान होगी।

फिलहाल, एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए सावधि जमा दर 6.80 प्रतिशत, दो वर्ष से अधिक अवधि के लिए सात प्रतिशत, 3 वर्ष से अधिक और 5 वर्ष से कम अवधि के लिए 6.75 प्रतिशत तथा 5-10 वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत है।

आवर्ती जमा की न्यूनतम अवधि 12 महीने (एक वर्ष) तथा अधिकतम अवधि 120 महीने (10 वर्ष) है।

एसबीआई की जमाराशि में लगभग 23 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। ये अभिनव पेशकश बैंक के नवाचार को प्राथमिकता देने और जमाराशि में अपने बाजार नेतृत्व को मजबूत करने के संकल्प को प्रदर्शित करती हैं।

एसबीआई के चेयरमैन सी एस सेट्टी ने कहा, “हमारा उद्देश्य लक्ष्य-उन्मुख जमा उत्पाद बनाना है जो न केवल वित्तीय रिटर्न को बढ़ाए बल्कि हमारे ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी हो। हम पारंपरिक बैंकिंग को और अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहे हैं।”

इस बीच, बैंक ने प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए एनआरई (गैर-निवासी बाहरी) और एनआरओ (गैर-निवासी साधारण) खाते खोलने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए टीएबी-आधारित एंड-टू-एंड डिजिटल ऑन-बोर्डिंग प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है।

यह पहल एसबीआई की भारत में शाखाओं और चुनिंदा विदेशी कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है, जिसमें खाता खोलने की दक्षता और सुविधा बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया गया है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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