SBI loan will be costlier and EMI burden will increase: नई दिल्ली। एसबीआई ने अपने ग्राहकों को झटका दिया है। बैंक ने अपने कर्ज की दर या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी कर दी है। इसके बाद एसबीआई से लोन लेना महंगा होगा और ईएमआई पर ज्यादा पैसा खर्च करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में इजाफा करने के बाद लोन महंगा करने वाले बैंकों की लिस्ट में अब देश के सबसे बड़े बैंक की भी एंट्री हो गई है।
बीते साल 2022 में उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक के बाद एक लगातार पांच बार नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की थी। आरबीआई के इन सख्त कदमों से भले ही लोगों पर बोझ बढ़ा हो, लेकिन महंगाई दर तय दायरे में आ गई। हालांकि, महंगाई काबू में आने के बाद रिजर्व बैंक ने रुख नहीं बदला और इस साल की पहली MPC Meet में एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया।
इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई और इसके साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया। हर बार की तरह रेपो रेट बढ़ने के बाद तमाम बैंकों द्वारा कर्ज की दरें बढ़ाने की जो आशंका थी, उसके अनुरूप देखने को भी मिल रहा है।
SBI loan will be costlier and EMI burden will increase: SBI ने एक महीने के लोन के लिए MCLR 8.00 फीसदी से बढ़ाकर 8.10 फीसदी, 3 महीने के लिए 8.10 फीसदी, 6 महीने के लिए 8.30 फीसदी की जगह 8.40 फीसदी कर दिया है। वहीं एक साल के लिए कर्ज की दर 8.40 फीसदी से बढ़ाकर 8.50 फीसदी हो गया है। ज्यादातर लोन इसी एक साल की एमसीएलआर से जुड़े होते हैं। नई दरों के मुताबिक, बैंक ने दो साल का एमएलसीआर 8.50 फीसदी से बढ़कर 8.60 फीसदी कर दिया गया है, जबकि तीन साल के लिए इसे 8.60 से बढ़कर 8.70 फीसदी करने का फैसला लिया गया है।