नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग ने फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत में संयुक्त राष्ट्र के साथ रणनीतिक साझेदारी के तहत प्रमुख सीएसआर पहल ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ के तीसरे संस्करण के विजेताओं की घोषणा की है।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, असम के गोलाघाट के इको टेक इनोवेटर का दल इसका विजेता रहा। उसने पीने योग्य पानी तथा उसकी स्वच्छता तक समान पहुंच सुनिश्चित करने पर एक प्रौद्योगिकी मॉडल पेश किया था। वहीं कर्नाटक के उडुपी की एमईटीएएल ने भूजल से आर्सेनिक हटाने के लिए एक प्रौद्योगिकी विकसित की।
सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जे बी पार्क और भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने इन दलों को प्रमाण पत्र और ‘ट्रॉफी’ प्रदान की।
जे बी पार्क ने कहा, ‘‘ हमारी प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के जरिये हमारा लक्ष्य युवा सोच-समझ को सशक्त बनाना है। उन्हें आवश्यक उपकरण, मार्गदर्शन तथा अवसर प्रदान करना है, जिससे वे अपने समुदाय तथा पर्यावरण की गंभीर चुनौतियों का समाधान कर सकें।’’
इस प्रतियोगिता के आखिरी दौर के लिए 22 छात्रों के 10 दलों का चयन किया गया था। इन्हें ‘समुदाय व समावेश’ तथा ‘पर्यावरण तथा स्थिरता’ पर आधारित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करने थे। निर्णायक मंडल के समक्ष इनके मॉडल पेश करने थे। निर्णायक मंडल में आईआईटी दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सैमसंग अनुसंधान व विकास के सदस्य शामिल थे।
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