नए वेज कोड को लेकर इन दिनों खूब चर्चाएं हैं, इसे 1 अप्रैल से लागू किया जाना था, लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण नियम लागू नहीं किये गए, इसके बाद फिर उम्मीद की जाने लगी कि इसे जुलाई से लागू किया जा सकता है, लेकिन मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इसका अक्टूबर से पहले लागू होना मुश्किल है, क्योंकि राज्यों ने अबतक ड्राफ्ट रूल्स तैयार नहीं किए हैं।
बता दें कि नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक असर पड़ेगा, उनकी सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे। माना जा रहा है कि नए वेज कोड के कुछ ऐसे प्रावधान जिनके लागू होने के बाद आपकी जिंदगी में काफी बदलाव हो जाएगा।
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1. बदल जाएगा सैलरी स्ट्रक्चर
New Wage Code: नियमों के लागू होने के बाद कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा, उनकी Take Home Salary में कमी आ सकती है, क्योंकि वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है, अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम हो।
2. PF, ग्रेच्युटी भी बढ़ जाएगी
इसका असर ये होगा कि बेसिक पे बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी में भी योगदान बढ़ जाएगा, यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा, सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।
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3. साल की छुट्टियां बढ़कर 300 होंगी?
इसके अलावा कर्मचारियों की अर्जित अवकाश (Earned Leave) छुट्टियां बढ़कर 300 हो सकती है, बीते दिनों लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी, जिसमें कर्मचारियों की Earned Leave 240 से बढ़ाकर 300 किये जानें की मांग की गई थी। हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
4. इधर काम के घंटे बढ़ेंगे और वीकली ऑफ भी बढ़ेगा
नए वेज कोड के बारे में कहा जा रहा है कि काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे, हालांकि इस पर सरकार की तरफ से काफी पहले ही सफाई दी जा चुकी है, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा, दरअसल कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाए थे। इस पर सरकार ने सफाई दी कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी, अगर कोई कंपनी दिन में 12 घंटे काम को अपनाती है तो बाकी 3 दिन उसे कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी, अगर काम के घंटे बढ़ते हैं तो काम के दिन भी 6 की बजाय 5 या 4 ही होंगे, इसके लिए कर्मचारी और कंपनी दोनों के बीच सहमति होना भी जरूरी है।
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5. वर्कर्स के लिए मिनिमम वेज लागू होगा
पहली बार देश के सभी तरह के वर्कर्स को मिनिमम वेज यानी न्यूनतम तनख्वाह मिलेगी, प्रवासी मजदूरों के लिए नई स्कीम्स लाई जा रही हैं, सभी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रॉविडेंट फंड की सुविधा दी जाएगी, संगठित और असगंठित सेक्टर के सभी कर्मचारियों को ESI का कवरेज मिलेगा, महिलाओं को सभी तरह के कारोबारों में काम करने की इजाजत होगी, उन्हें नाइट शिफ्ट करने की भी मंजूरी मिलेगी।