सेल 6,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी: अमरेंदु प्रकाश |

सेल 6,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी: अमरेंदु प्रकाश

सेल 6,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी: अमरेंदु प्रकाश

:   Modified Date:  July 5, 2024 / 04:53 PM IST, Published Date : July 5, 2024/4:53 pm IST

हैदराबाद, पांच जुलाई (भाषा) स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अमरेंदु प्रकाश ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में 6,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी।

उन्होंने कहा कि यह अगले कुछ वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना का हिस्सा है।

भारतीय इस्पात संघ द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में प्रकाश ने कहा कि इस्पात उद्योग ने सरकार से चीन द्वारा भारत में सस्ती धातु की ‘डंपिंग’ को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की मांग की है और उम्मीद जतायी कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाए किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस वर्ष पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 6,500 करोड़ रुपये है। हम अपनी सुविधाओं के रखरखाव के साथ-साथ बाधाओं को दूर करने के लिए नियमित पूंजीगत व्यय भी करते हैं। पूंजीगत व्यय विस्तार का अधिकतर हिस्सा (2030 तक एक लाख करोड़ रुपये) वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होगा।’’

सेल प्रबंधन ने निवेशकों को अगले तीन से चार वर्षों में नई परियोजनाओं तथा पुरानी परियोजनाओं के विस्तार के लिए अपने संयंत्रों में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना के बारे में पहले ही सूचित किया था। इस निवेश में ऋण-इक्विटी अनुपात 1:1 बनाए रखने का लक्ष्य है।

इस्पात परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि विश्व 0.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि भारत पिछले वर्ष 13 प्रतिशत की दर से बढ़ा और अगले 10 वर्षों में संचयी वृद्धि दर आठ प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

चीन से सस्ते इस्पात के आयात पर उन्होंने कहा कि दुनिया भर के देशों ने आयात कर बढ़ाने जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं। भारत भी इस बारे में सोच-समझकर कदम उठा सकता है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ व्यापार उपायों को संभालने के कई तरीके हैं। इसलिए यह सिर्फ प्रतिशत में कोई एकल आंकड़ा नहीं है। हमें भारत आने वाले इस्पात की गुणवत्ता तथा उसकी कीमतों पर भी गौर करना होगा।’’

खबरों के अनुसार, पिछले वर्ष भारत ने कुछ चीनी इस्पात पर ‘डंपिंग’ रोधी शुल्क को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है।

किसी देश के सस्ते आयात से घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचने पर ‘डंपिंग’ रोधी शुल्क लगाया जाता है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)