नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) वित्तीय परामर्श कंपनी डेलॉयट की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार का मानना है कि रुपया अब कुछ सुधरेगा और यह आगामी सप्ताहों में 85 से 86 प्रति डॉलर के बीच रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लगातार घरेलू मुद्रा को स्थिर रखने पर ध्यान दे रहा है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि आरबीआई के हस्तक्षेप और भारतीय मुद्रा के अन्य मुद्राओं की तुलना में अधिक स्थिर होने के बावजूद रुपया अब 83 के स्तर के स्तर पर नहीं आएगा। पिछले सप्ताह रुपया गिरकर 86.70 डॉलर प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था। इसकी वजह विदेशी कोषों की निकासी और घरेलू शेयर बाजारों की गिरावट थी जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई थी।
गत 13 जनवरी को रुपये में करीब दो साल में एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी और सत्र के अंत में रुपया 66 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.70 के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले छह फरवरी, 2023 को रुपये में एक दिन की सबसे बड़ी 68 पैसे की गिरावट आई थी।
मजबूत डॉलर और एफआईआई की निकासी के कारण 2024 में रुपये में लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट आई है। साल 2025 में अबतक घरेलू मुद्रा में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। शुक्रवार को रुपया 86.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मजूमदार ने कहा कि मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि छह महीने पहले तक रुपया बेशक 83-84 पर था। लेकिन अब यह 85-86 प्रति डॉलर पर ही स्थिर होगा।
भाषा अजय अजय अनुराग
अनुराग
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)