मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मंगलवार को अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबर गया और आठ पैसे की बढ़त के साथ 86.62 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
वृहद आर्थिक आंकड़े जारी होने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में कुछ सुधार से भी भारतीय मुद्रा को समर्थन मिला। हालांकि, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों तथा विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी इसपर दबाव बनाती रही।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.57 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 86.45 प्रति डॉलर के उच्चस्तर को छूने के बाद अंत में 86.62 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से आठ पैसे की बढ़त है।
रुपये में सोमवार को एक सत्र में करीब दो साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी और यह 66 पैसे के नुकसान के साथ 86.70 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।
रुपया 30 दिसंबर को 85.52 के स्तर पर बंद होने के बाद से पिछले दो सप्ताह में एक रुपये से अधिक की बड़ी गिरावट देख चुका है। रुपया पहली बार 19 दिसंबर, 2024 को 85 प्रति डॉलर के पार गया था।
मिराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू बाजारों में मामूली बढ़त और कमजोर अमेरिकी डॉलर के कारण रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबर गया।
चौधरी ने कहा, ‘‘ व्यापारी आज अमेरिका से आने वाले पीपीआई (उत्पादक मूल्य सूचकांक) आंकड़ों और कल अमेरिका से आने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। डॉलर-रुपये के हाजिर मूल्य के 86.40 रुपये से 86.85 रुपये के दायरे में रहने के आसार हैं।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 109.38 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81.09 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 169.62 अंक यानी 0.22 प्रतिशत चढ़कर 76,499.63 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 90.10 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,176.05 अंक पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 4,892.84 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
भाषा निहारिका अजय
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