मुंबई, छह जनवरी (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट और विदेशी कोषों की लगातार निकासी के बीच सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे गिरकर 85.83 (अस्थायी) के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में उछाल और ‘एचएमपीवी वायरस’ के प्रकोप को लेकर चिंता के चलते सुरक्षित निवेश के रूप में अमेरिकी डॉलर ने अपनी ओर लोगों का ध्यान खींचा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.77 पर खुला और दिन के कारोबार में 85.84 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर को छू गया।
कारोबार के अंत में यह 85.83 (अस्थायी) के अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की गिरावट है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को चार पैसे गिरकर 85.79 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू बाजारों में कमजोरी और एफआईआई की लगातार निकासी के बीच रुपया नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के बढ़ने और एचएमपीवी वायरस के डर से भी रुपये पर दबाव पड़ा।
चौधरी ने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी डॉलर की नरमी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हस्तक्षेप से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।”
उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 85.65 से 86.10 के दायरे में कारोबार कर सकता है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.33 प्रतिशत घटकर 108.44 पर था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.31 प्रतिशत गिरकर 76.27 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 4,227.25 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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