रुपया 21 पैसे टूटकर 85.48 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद |

रुपया 21 पैसे टूटकर 85.48 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद

रुपया 21 पैसे टूटकर 85.48 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद

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Modified Date: December 27, 2024 / 10:09 PM IST
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Published Date: December 27, 2024 10:09 pm IST

मुंबई, 27 दिसंबर (भाषा) अमेरिकी डॉलर में मजबूती के बीच रुपया शुक्रवार को 21 पैसे की गिरावट के साथ 85.48 के अबतक सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान 85.80 के अपने सबसे निचले स्तर पर लुढ़कने के बाद रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप के सहारे रुपये ने नुकसान की कुछ भरपाई की।

विश्लेषकों ने कहा कि महीने के अंत में बैंकों और आयातकों की ओर से डॉलर की मांग आने से रुपये पर दबाव पड़ा। इसके अलावा डॉलर के मजबूत रुख ने भी इसके भाव को गिराने का काम किया।

इसके अलावा विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण भी रुपये पर दबाव पड़ा।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.31 के भाव पर कमजोर खुला और एक समय 53 पैसे गिरकर 85.80 के अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया।

हालांकि बाद में यह थोड़ा संभला और कारोबार के अंत में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.48 पर बंद हुआ जो पिछले बंद स्तर से 21 पैसे की गिरावट है। रुपया बृहस्पतिवार को 85.27 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

रुपये में इससे पहले एक कारोबारी सत्र में 68 पैसे की सबसे बड़ी गिरावट दो फरवरी, 2023 को आई थी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से डॉलर का आकर्षण बढ़ा है और रुपये में गिरावट आई है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशक अपना निवेश भारतीय शेयर बाजार से निकाल रहे हैं। इसका भी रुपये पर दबाव पड़ा है।

पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगभग हर दिन नए निचले स्तर को छू रहा है। बृहस्पतिवार को भी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे गिरकर 85.27 पर आ गया था।

सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक अमित पाबारी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक के पास दिसंबर और जनवरी में परिपक्व होने वाले वायदा अनुबंधों में 21 अरब डॉलर हैं। बाजार की अटकलों से पता चलता है कि आरबीआई ने इन परिपक्व अनुबंधों को आगे बढ़ाने से परहेज किया है, जिससे डॉलर की कमी और रुपये की अधिक आपूर्ति हो रही है।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि महीने के अंत में आयातकों की ओर से डॉलर की मांग और विदेशी निवेशकों (एफआईआई) द्वारा निकासी किए जाने से रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है।

चौधरी ने कहा, ‘अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने भी रुपये पर दबाव डाला। अमेरिकी डॉलर और रुपये का हाजिर भाव 85.30 रुपये से 85.85 रुपये के बीच रहने का अनुमान है।’

इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत बढ़कर 107.94 पर कारोबार कर रहा था, जबकि 10 साल के बॉन्ड का प्रतिफल 0.76 प्रतिशत बढ़कर सात महीने के उच्चतम स्तर 4.61 प्रतिशत पर पहुंच गया।

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.15 प्रतिशत बढ़कर 73.37 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 226.59 अंक बढ़कर 78,699.07 अंक और एनएसई निफ्टी 63.20 अंक बढ़कर 23,813.40 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 2,376.67 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)