मुंबई, आठ जनवरी (भाषा) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार दूसरे कारोबारी सत्र बुधवार को 13 पैसे गिरकर 85.87 (अस्थायी) डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने के बीच रुपये में यह गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में सुस्त धारणा और विदेशी कोषों की निरंतर निकासी ने भी खेल बिगाड़ दिया, जबकि निवेशक सरकार द्वारा आर्थिक वृद्धि के कम अनुमान को लेकर सतर्क बने रहे।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.82 पर खुला। दिन के कारोबार में रुपये 85.89 प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद अंत में 85.87 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 13 पैसे की गिरावट है।
मंगलवार को रुपया छह पैसे की गिरावट के साथ 85.74 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.35 प्रतिशत चढ़कर 108.76 पर था।
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती में देरी की संभावना के बीच 10-साल के अमेरिकी बॉन्ड पर प्रतिफल भी 4.67 प्रतिशत पर ऊंचा बना रहा।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.90 प्रतिशत बढ़कर 77.74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 50.62 अंक गिरकर 78,148.49 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 18.95 अंक टूटकर 23,688.95 अंक पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध रूप से 1,491.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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