मुंबई, 31 दिसंबर (भाषा) अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया मंगलवार को 12 पैसे की गिरावट के साथ अबतक के अपने सबसे निचले स्तर 85.64 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की भारी निकासी और वैश्विक बाजारों में डॉलर में मजबूती के रुख से साल के दौरान इसमें तीन प्रतिशत की तीव्र गिरावट आई है।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि ब्याज दरों में कटौती के बारे में फेडरल रिजर्व के सतर्क रुख और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से डॉलर सूचकांक (डीएक्सवाई) तथा अमेरिकी 10 साल के बॉण्ड प्रतिफल में मजबूती से रुपया लगातार दबाव में है।
इसके अतिरिक्त, घरेलू वृहत आर्थिक वृद्धि दर में कमी, बढ़ता व्यापार घाटा तथा लगातार विदेशी पूंजी निकासी से भी रुपये में गिरावट आई है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.54 प्रति डॉलर पर खुला और दिन में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.66 के निचले स्तर पर पहुंचा था। साल के आखिरी कारोबारी दिन के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.64 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 12 पैसे की गिरावट है।
रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.52 पर बंद हुआ था।
घरेलू मुद्रा में डॉलर के मुकाबले इस साल करीब तीन प्रतिशत की गिरावट आई है। रुपया 29 दिसंबर 2023 को 83.16 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। यह गिरकर 31 दिसंबर 2024 को 85.65 प्रति डॉलर पर रहा।
स्थानीय मुद्रा 10 अक्टूबर को 84 प्रति डॉलर और 19 दिसंबर को 85 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गई थी। रुपया 27 दिसंबर को दिन के कारोबार में यह अबतक के सबसे निचले स्तर 85.80 प्रति डॉलर पर पहुंचा था जो करीब दो वर्षों में उसमें एक सत्र में आई सबसे अधिक गिरावट थी।
मिराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, अमेरिकी डॉलर में मजबूती और आयातकों की ओर से मासांत की भारी डॉलर मांग के कारण रुपये के नकारात्मक रुझान के साथ कारोबार करने का अनुमान है।
इसके अलावा, विदेशी पूंजी की लगातार निकासी ने घरेलू मुद्रा पर और दबाव डाला।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध रूप से 4,645.22 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
विदेशी निवेशकों ने 2024 में भारतीय शेयर बाजार में अपने निवेश को काफी हद तक कम किया। इसमें शुद्ध प्रवाह 5,000 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक रहा क्योंकि उच्च घरेलू मूल्यांकन के साथ-साथ भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों अधिक सतर्क रहे।
घरेलू बाजारों में 2023 में 1.71 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ था।
चौधरी ने कहा ‘‘ हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किसी भी तरह का हस्तक्षेप रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है…अमेरिकी डॉलर/भारतीय मुद्रा के 85.40 से 85.85 के बीच कारोबार करने का अनुमान है। ’’
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर तक भारत का विदेशी ऋण बढ़कर 711.8 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो जून 2024 की तुलना में 4.3 प्रतिशत अधिक है। सितंबर 2023 के अंत में विदेशी ऋण 637.1 अरब अमेरिकी डॉलर था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 108.01 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.57 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74.41 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 109.12 अंक की गिरावट के साथ 78,139.01 अंक बंद हुआ और एनएसई निफ्टी 23,644.80 अंक पर स्थिर रहा।
भाषा राजेश राजेश रमण
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