मुंबई, 23 जनवरी (भाषा) अमेरिकी डॉलर में मजबूती और विदेशी संस्थागत निवेशकों की निरंतर निकासी के बीच बृहस्पतिवार को रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले नौ पैसे टूटकर 86.44 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि, सकारात्मक घरेलू शेयर बाजारों और कच्चे तेल की कम कीमतों ने भारतीय मुद्रा को निचले स्तर पर समर्थन दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 86.46 पर खुला। सत्र के दौरान डॉलर के मुकाबले 86.38 के उच्च तथा 86.52 के निचले स्तर पर पहुंचा। अंत में यह 86.44 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो डॉलर के मुकाबले नौ पैसे की गिरावट है।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की बढ़त के साथ 86.35 पर रहा था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि मजबूत अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में सुधार के कारण रुपये में गिरावट आई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी ने भी स्थानीय मुद्रा को कमजोर किया। हालांकि, कच्चे तेल की कमजोर कीमतों और सकारात्मक घरेलू बाजारों ने गिरावट को कम किया।
उन्होंने कहा, “कल बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 86.20-86.80 रुपये के दायरे में कारोबार करने का अनुमान है।”
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 108.04 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.16 प्रतिशत गिरकर 78.87 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 115.39 अंक बढ़कर 76,520.38 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 अंक बढ़कर 23,205.35 अंक पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 5,462.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)