मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मंगलवार को 25 पैसे टूटकर 86.56 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क संबंधी धमकियों के बीच वैश्विक जोखिम धारणा कमजोर हुई जिसका असर घरेलू मुद्रा पर पड़ा।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी तथा तेल आयातकों की डॉलर मांग के साथ ही कमजोर जोखिम क्षमता के बीच विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती से रुपये पर दबाव जारी रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.53 प्रति डॉलर पर कमजोर रुख के साथ खुला। कारोबार के दौरान यह 86.50 प्रति डॉलर के उच्चस्तर तक गया और 86.57 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आया। अंत में यह 86.56 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद के मुकाबले 25 पैसे की गिरावट है।
रुपया सोमवार को नौ पैसे कमजोर होकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.31 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क संबंधी धमकियों के कारण वैश्विक जोखिम धारणा कमजोर पड़ने से भारतीय रुपये में गिरावट आई। इसका असर चीन की मुद्रा युआन पर भी पड़ा, जिससे अमेरिकी डॉलर भी मजबूत हुआ।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 107.89 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77.48 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 5,015.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
भाषा निहारिका अजय
अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)