Rs 6.81 lakh crore has been allocated for the defense sector in the general budget

Union Budget 2025: महफूज है हमारा भारत.. रक्षा क्षेत्र के लिए इस बार 6.81 लाख करोड़ रुपये का आबंटन, 9.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी..

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए बजटीय आवंटन 2024-25 में 23,855 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,816 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें से 14,923 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय और अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए आवंटित किया गया है।

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Modified Date: February 1, 2025 / 11:21 PM IST
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Published Date: February 1, 2025 10:15 pm IST

Rs 6.81 lakh crore has been allocated for the defense sector in the general budget: नई दिल्ली: भारत ने चीन और पाकिस्तान से सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर सेना के आधुनिकीकरण पर जोर देने के बीच, शनिवार को 2025-26 के लिए रक्षा परिव्यय के रूप में 6,81,210 करोड़ रुपये निर्धारित किए। यह चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित राशि 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.53 प्रतिशत अधिक है।

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कुल आवंटन में से 1,80,000 करोड़ रुपये सशस्त्र बलों के पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद शामिल है। रक्षा के लिए बजट अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 1.9 प्रतिशत है और चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित आवंटन 6.41 लाख करोड़ रुपये से लगभग 6.2 प्रतिशत अधिक है। 2024-25 के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपये के बजटीय अनुमान के मुकाबले आवंटन में वृद्धि 9.53 प्रतिशत है।

वर्ष 2024-25 में पूंजी परिव्यय 1.72 लाख करोड़ रुपये था और संशोधित अनुमान के अनुसार यह राशि 1,59,500 करोड़ रुपये है, जो बताता है कि लगभग 13,500 करोड़ रुपये की राशि अभी तक खर्च नहीं की गई है। रक्षा मंत्रालय ने पूंजीगत व्यय के बारे में कहा कि 1,48,722.80 करोड़ रुपये नए सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए ‘‘आधुनिकीकरण बजट’’ पर खर्च करने की योजना है और शेष 31,277 करोड़ रुपये अनुसंधान एवं विकास तथा ढांचागत परिसंपत्तियों के निर्माण पर खर्च के लिए हैं।

Rs 6.81 lakh crore has been allocated for the defense sector in the general budget: इसमें कहा गया है कि आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत यानी 1,11,544 करोड़ रुपये घरेलू स्रोतों से खरीद के लिए निर्धारित किए गए हैं। घरेलू हिस्से का 25 प्रतिशत यानी 27,886 करोड़ रुपये घरेलू निजी उद्योगों के माध्यम से खरीद के लिए प्रावधान किया गया है। अगले वित्त वर्ष में सशस्त्र बलों के लिए पूंजीगत परिव्यय 2024-25 के बजटीय अनुमान 1.72 लाख करोड़ रुपये से 4.65 प्रतिशत अधिक है। 2024-25 के लिए संशोधित पूंजीगत परिव्यय 1,59,500 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है।

कुल पूंजीगत परिव्यय 1,92,387 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें से 12,387 करोड़ रुपये रक्षा सेवाओं के लिए रखे गए हैं। अगले वित्त वर्ष के लिए दैनिक कामकाज और वेतन संबंधी राजस्व व्यय 4,88,822 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं। वर्ष 2025-26 में रक्षा बजट के लिए आवंटन अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद का 1.91 प्रतिशत होने का अनुमान है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बजट के लिए समग्र आवंटन का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिकोण को बड़ा बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा बलों के लिए 1,80,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय हमारे रक्षा बलों के आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन एवं क्षमताओं में और मदद करेगा।’’

Rs 6.81 lakh crore has been allocated for the defense sector in the general budget: सिंह ने कहा कि यह बजट सुरक्षा को और मजबूत करेगा तथा देश की समृद्धि सुनिश्चित करेगा एवं विकसित भारत के सपने को साकार करने में एक ‘‘बड़ी छलांग’’ लगाएगा। पूंजीगत व्यय के तहत विमान और वैमानिकी इंजनों के लिए 48,614 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं जबकि नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है।

नौसेना गोदी परियोजनाओं के लिए 4,500 करोड़ रुपये का अलग से आवंटन किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने पूंजीगत व्यय का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में, जहां विश्व आधुनिक युद्ध के बदलते प्रतिमान को देख रहा है, भारतीय सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने तथा उन्हें तकनीकी रूप से उन्नत युद्ध के लिए तैयार बल में तब्दील करने की आवश्यकता है।’’ सीमा पर बुनियादी ढांचे में सुधार लाने तथा दुर्गम क्षेत्रों में सशस्त्र बलों के जवानों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए पूंजीगत मद में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को 7,146 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

Rs 6.81 lakh crore has been allocated for the defense sector in the general budget: बीआरओ के लिए किए गए वित्तीय प्रावधान से न केवल अरुणाचल प्रदेश में एलजीजी-डमटेंग-यांग्सी, जम्मू-कश्मीर में आशा-चीमा-अनीता और राजस्थान में बिरधवाल-पुग्गल-बज्जू जैसे सुरंगों, पुलों और सड़कों के निर्माण से सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्र के सामरिक हितों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। बजट दस्तावेज के अनुसार, सशस्त्र बलों के लिए राजस्व आवंटन 3,11,732 करोड़ रुपये है, जो कुल परिव्यय का 45.76 प्रतिशत है।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए बजटीय आवंटन 2024-25 में 23,855 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,816 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें से 14,923 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय और अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए आवंटित किया गया है।

भारत के रक्षा बजट 2025-26 में कितनी वृद्धि हुई है?

2024-25 के बजटीय अनुमान 6.22 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 9.53 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

रक्षा बजट का कितना हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किया गया है?

कुल 1,80,000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं।

इस बजट में स्वदेशी रक्षा उत्पादन को कितना बढ़ावा दिया गया है?

आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत (1,11,544 करोड़ रुपये) स्वदेशी रक्षा उत्पादों की खरीद के लिए निर्धारित किया गया है।

बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के लिए कितना आवंटन किया गया है?

बीआरओ को 7,146 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास (DRDO) के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है?

DRDO को 26,816 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।