एलएनजी स्टेशनों में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा : प्रधान | Rs 10,000 crore investment in LNG stations: Pradhan

एलएनजी स्टेशनों में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा : प्रधान

एलएनजी स्टेशनों में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा : प्रधान

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 PM IST
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Published Date: November 19, 2020 12:05 pm IST

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में एलएनजी (तरल प्राकृतिक गैस) स्टेशनों के विकास पर अगले तीन साल में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह ईंधन देश में लंबी दूरी की यात्रा को बदल देगा, उसकी लागत एवं कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा।

प्रधान देश के 50 पहले एलएनजी पंप के शिलान्यास के मौके पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ अगले तीन साल में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में 1,000 एलएनजी स्टेशन स्थापित करने पर 10,000 करोड़ रुपये का व्यय होगा।’’

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘‘ देश में करीब एक करोड़ ट्रक सड़कों पर दौड़ते हैं। यदि हम इसके 10 प्रतिशत यानी 10 लाख ट्रक को भी एलएनजी चालित ट्रक में बदलने में कामयाब हुए तो यह कितनी बचत करने वाला कदम होगा। एलएनजी डीजल के मुकाबले 40 प्रतिशत तक सस्ती है।’’

उन्होंने कहा कि एलएनजी से कार्बन उत्सर्जन लगभग ना के बराबर होता है और नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन भी 85 प्रतिशत तक कम होता है।

शुरुआत में 50 एलएनजी स्टेशन देश के चार महानगर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग पर स्थापित किए जाएंगे।

प्रधान ने कहा कि सभी मुख्य राजमार्गों पर हर 200 से 300 किलोमीटर की दूरी पर एलएनजी स्टेशन की स्थापना की जाएगी।

एलएनजी एक अत्याधिक ठंडी प्राकृतिक गैस होती है। लंबी दूरी की यात्रा करने वाने वाहन मसलन बस और ट्रक में ईंधन के तौर पर यह बेहतर परिणाम देती है। यह सीएनजी से अधिक ऊर्जा दक्ष होती है और एक बार भरने के बाद बस या ट्रक 600 से 800 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। यह डीजल के मुकाबले 30 से 40 प्रतिशत सस्ती है।

अभी भारत में वाहन ईंधन के तौर पर पेट्रोल, डीजल, सीएनजी या ऑटो एलपीजी का अधिक उपयोग होता है। एलएनजी नया ईंधन है जिसके लिए पेट्रोल पंप की तरह आपूर्ति स्टेशन बनाए जा सकते हैं। इसे ना सिर्फ बस या ट्रक में बल्कि खनन उपकरण, बंकर और डीजल रेलगाड़ी इंजन में भी ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

भाषा शरद मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)