कच्चे माल की लागत बढ़ने से दैनिक उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनियों का मार्जिन हो सकता है प्रभावित |

कच्चे माल की लागत बढ़ने से दैनिक उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनियों का मार्जिन हो सकता है प्रभावित

कच्चे माल की लागत बढ़ने से दैनिक उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनियों का मार्जिन हो सकता है प्रभावित

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Modified Date: October 8, 2024 / 07:36 PM IST
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Published Date: October 8, 2024 7:36 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) दैनिक उपयोग का उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों ने पाम तेल की बढ़ती कीमतें, कच्चे माल की ऊंची लागत और विज्ञापन खर्च बढ़ने से सितंबर तिमाही में उनके मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ने की आशंका जताई है।

जुलाई-सितंबर तिमाही से जुड़ी अद्यतन जानकारी में गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लि. (जीसीपीएल), डाबर और मैरिको जैसी एफएमसीजी कंपनियों ने जुलाई में खोपरा और वनस्पति तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सालाना आधार पर मार्जिन स्थिर रहने का संकेत दिया है।

गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जीसीपीएल ने कहा कि सितंबर तिमाही में घरेलू बाजार में आय वृद्धि स्थिर रहने का अनुमान है। इसका कारण पाम तेल की ऊंची कीमतों से कच्चे माल की लागत का बढ़ना है।

कंपनी ने कहा, ‘‘पाम तेल से जुड़ी लागत मार्च से बढ़ रही है। प्रबंधन ने लागत में हुई वृद्धि को पूर्ण रूप से एक ही झटके में उपभोक्ताओं पर नहीं डालने का फैसला किया है। साथ ही ग्रामीण वैन कार्यक्रम जैसे दीर्घकालिक विकास कदमों पर निवेश जारी रखने का फैसला किया है।’’

गुड नाइट, सिंथॉल और हिट जैसे ब्रांड के तहत उत्पाद बेचने वाली जीसीपीएल ने कहा, ‘‘इसकी वजह से एकल आधार पर कर-पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) में वृद्धि स्थिर होगी।’’

हालांकि कंपनी ने कारोबार के संदर्भ में कहा कि एकल आधार पर व्यवसाय (घरेलू) के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।

मैरिको ने कहा कि प्रमुख कच्चे माल में खोपरा की कीमतें आंतरिक पूर्वानुमानों से पहले ही बढ़ी थीं। हाल में आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण तिमाही के अंत में वनस्पति तेल की कीमतें और बढ़ गईं।

सफोला, पैराशूट जैसे लोकप्रिय ब्रांड से जुड़ी मैरिको ने कहा, ‘‘हालांकि कच्चे तेल के वायदा एवं विकल्प कारोबार सीमित दायरे में हैं। हमारा अनुमान है कि कच्चे माल की ऊंची लागत के एक हिस्से को स्वयं उठाने से सालाना आधार पर सकल मार्जिन में कमी आएगी…।’’

आंवला, डाबर वाटिका और रियल जूस जैसे ब्रांड से उपभोक्ता सामान बनाने वाली डाबर वितरकों के पास उपलब्ध माल भंडार को दुरूस्त करने को लेकर कदम उठा रही है। इसके कारण, कंपनी को तिमाही के लिए एकीकृत राजस्व में एकल अंक में गिरावट आने की आशंका है।

इसके अलावा, डाबर ने विज्ञापन पर अपना खर्च बढ़ा दिया है। कंपनी ने कहा, ‘‘हम ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए निवेश जारी रखने को प्रतिबद्ध हैं…।’’

भाषा रमण प्रेम

प्रेम

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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