जल्दी नौकरी छोड़ने के रुझानों में वृद्धि: टीमलीज सर्विसेज |

जल्दी नौकरी छोड़ने के रुझानों में वृद्धि: टीमलीज सर्विसेज

जल्दी नौकरी छोड़ने के रुझानों में वृद्धि: टीमलीज सर्विसेज

:   Modified Date:  September 1, 2024 / 04:07 PM IST, Published Date : September 1, 2024/4:07 pm IST

मुंबई, एक सितंबर (भाषा) खराब कार्य-जीवन संतुलन, लचीलापन और नौकरी से असंतुष्टि के कारण जल्दी नौकरी छोड़ने के रुझानों में चार-पांच प्रतिशत की सालाना वृद्धि हो रही है। जल्दी नौकरी छोड़ने से तात्पर्य छह महीनों के भीतर या परिवीक्षा अवधि के दौरान ही कंपनी से बाहर चले जाने से है।

ऐसा मुख्य रूप से उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं, आईटी और सॉफ्टवेयर तथा बीएफएसआई (बैंक, वित्तीय सेवाएं और बीमा) जैसे क्षेत्रों में देखा जा रहा है।

टीमलीज सर्विसेज के मुख्य रणनीति अधिकारी सुब्बुराथिनम पी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”भारत में जल्दी नौकरी छोड़ने के रुझान मुख्य रूप से 22-32 वर्ष आयु वर्ग में देखे जाते हैं और यह सालाना आधार पर 4-5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।”

उन्होंने कहा कि इसके पीछे मुख्य रूप से खराब कार्य-जीवन संतुलन, लचीलापन, नौकरी से असंतुष्टि और अपर्याप्त वेतन जैसे कारक हैं। ऐसे में कर्मचारी बेहतर अवसरों की तलाश करते हैं।

सुब्बुराथिनम ने कहा कि जल्दी नौकरी छोडने का यह अर्थ भी हो सकता है कि नौकरी के अधिक अवसर हैं, जिससे लोग नौकरी बदल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति विशेष रूप से दक्षिण भारत में स्पष्ट है, जहां छह महीने में नौकरी छोड़ने दर 51 प्रतिशत तक है।

सुब्बुराथिनम ने कहा कि स्त्री-पुरूष की बात करें, तो कुल पुरुष पलायन 84.5 प्रतिशत और महिला पलायन 15.5 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं, जहां जल्द नौकरी छोड़ने की दर सबसे अधिक है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

 

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