खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर नौ माह के उच्चस्तर 5.49 प्रतिशत पर |

खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर नौ माह के उच्चस्तर 5.49 प्रतिशत पर

खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर नौ माह के उच्चस्तर 5.49 प्रतिशत पर

:   Modified Date:  October 14, 2024 / 08:07 PM IST, Published Date : October 14, 2024/8:07 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) सब्जियों के दाम में तेजी से खुदरा महंगाई सितंबर महीने में बढ़कर नौ महीने के उच्चस्तर 5.49 प्रतिशत पर पहुंच गयी। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने अगस्त में 3.65 प्रतिशत जबकि बीते वर्ष के सितंबर माह में 5.02 प्रतिशत थी। इससे पहले दिसंबर, 2023 में यह 5.69 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई सितंबर महीने में उछलकर 9.24 प्रतिशत हो गयी जो इससे पिछले महीने अगस्त में 5.66 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने में 6.62 प्रतिशत थी।

एनएसओ ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि सितंबर महीने में मुद्रास्फीति में वृद्धि उच्च तुलनात्मक आधार प्रभाव और मौसम की स्थिति के कारण है।’’

इससे पहले दिन में जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 1.84 प्रतिशत हो गयी। खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों के महंगा होने से थोक मुद्रास्फीति बढ़ी।

अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 1.31 प्रतिशत थी। पिछले साल सितंबर में इसमें 0.07 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप लाने के मकसद से पिछले सप्ताह पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया था।

सालाना आधार पर सब्जियों की मुद्रास्फीति सितंबर में करीब 36 प्रतिशत रही। वहीं दाल और उसके उत्पादों के मामले में यह 9.81 प्रतिशत रही। इस दौरान फल भी महंगे हुए।

आंकड़ों के अनुसार, हालांकि मसालों की महंगाई सितंबर में सालाना आधार पर घटी।

इक्रा लि. की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘अगस्त के मुकाबले खाने-पीने के सामान की महंगाई में सितंबर में वृद्धि का मुख्य कारण सब्जियों के दाम में तेजी है। यह 14 महीने के उच्चतम स्तर 36 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो पिछले महीने 10.7 प्रतिशत थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर इसको हटा दिया जाए खाने-पीने के सामानों की महंगाई इस साल सितंबर में 59 महीने के निचले स्तर 3.9 प्रतिशत पर होती, जो अगस्त में 4.3 प्रतिशत थी।’’

आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने नौ अक्टूबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा था कि प्रतिकूल तुलनात्मक आधार और खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से सितंबर महीने में मुद्रास्फीति में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है। खाद्य वस्तुओं की महंगाई में तेजी का कारण अन्य बातों के अलावा 2023-24 में प्याज, टमाटर और चना दाल के उत्पादन में कमी है।

आनंद राठी शेयर्स और स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजान हाजरा ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति में सितंबर महीने में वृद्धि अनुमान से अधिक है। इस वृद्धि का प्रमुख कारण सब्जियों के दाम में तेजी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल सामान्य मानसून के साथ हमारा अनुमान है कि आने वाले दिनों में बाजार में आपूर्ति बेहतर होगी और खाद्य वस्तुओं की महंगाई नरम होगी। हालांकि, मुख्य (हेडलाइन) मुद्रास्फीति अगले एक-दो महीने 4.5 से पांच प्रतिशत रह सकती है, जो आरबीआई के चार प्रतिशत के मौजूदा लक्ष्य से अधिक है। इससे केंद्रीय बैंक इस साल रेपो दर को यथावत रख सकता है…।’’

एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर मुद्रास्फीति दर 5.49 प्रतिशत है जबकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में यह क्रमश: 5.87 प्रतिशत और 5.05 प्रतिशत है।

मुद्रास्फीति सबसे अधिक बिहार में 7.5 प्रतिशत रही जबकि दिल्ली में सबसे कम 3.67 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में खाद्य वस्तुओं की महंगाई ऊंची थी।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)