मुद्रास्फीति-वृद्धि का संतुलन बहाल करना हो प्राथमिकता: एमपीसी बैठक में शक्तिकांत दास |

मुद्रास्फीति-वृद्धि का संतुलन बहाल करना हो प्राथमिकता: एमपीसी बैठक में शक्तिकांत दास

मुद्रास्फीति-वृद्धि का संतुलन बहाल करना हो प्राथमिकता: एमपीसी बैठक में शक्तिकांत दास

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Modified Date: December 20, 2024 / 07:59 PM IST
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Published Date: December 20, 2024 7:59 pm IST

मुंबई, 20 दिसंबर (भाषा) मौद्रिक नीति की प्राथमिकता मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन को बहाल करने की होनी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में यह बात कही थी।

ब्याज दर निर्धारण करने वाली एमपीसी में दास के अलावा तीन अन्य सदस्यों ने भी रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखने के पक्ष में मतदान किया था। दूसरी ओर शेष दो सदस्यों ने दर में कमी का पक्ष लिया।

आरबीआई ने दिसंबर की अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखा, लेकिन नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती की।

आरबीआई ने शुक्रवार को दिसंबर की शुरुआत में हुई एमपीसी बैठक का ब्योरा जारी किया।

इस ब्योरे के मुताबिक, दास ने बैठक में कहा, ”इस महत्वपूर्ण मोड़ पर नीतिगत प्राथमिकता मुद्रास्फीति-वृद्धि के संतुलन को बहाल करने पर होनी चाहिए। अब बुनियादी जरूरत मुद्रास्फीति को कम करना।”

दास के नेतृत्व में एमपीसी की यह आखिरी बैठक थी। आरबीआई गवर्नर के तौर पर दास का छह साल का विस्तारित कार्यकाल इस बैठके के कुछ दिन बाद ही पूरा हुआ था। उनकी जगह संजय मल्होत्रा ​​को आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया गया है, जो फरवरी में अपनी पहली एमपीसी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

एमपीसी बैठक के ब्योरे के अनुसार दास ने कहा कि मुद्रास्फीति और वृद्धि की की बारीकी से निगरानी करते हुए अवस्फीति की व्यापक दिशा में अब तक हासिल लाभों को बचाकर रखने की जरूरत है।

दास के साथ ही सौगत भट्टाचार्य, राजीव रंजन (कार्यकारी निदेशक, आरबीआई) और माइकल देवव्रत पात्रा (डिप्टी गवर्नर, आरबीआई) ने भी ब्याज दर पर यथास्थिति के लिए मतदान किया।

हालांकि समिति के बाहरी सदस्य नागेश कुमार और राम सिंह रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती के पक्ष में थे।

नागेश कुमार ने कहा कि मौसमी कारणों से मुद्रास्फीति में सुधार हो सकता है, इसलिए अगर दर में कटौती की जाए, तो मुद्रास्फीति की स्थिति को खराब किए बिना आर्थिक वृद्धि को बहाल करने में मदद मिलेगी।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम

 

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