डीजल में 15 प्रतिशत एथनॉल मिलाने पर शोध उन्नत चरण में : गडकरी |

डीजल में 15 प्रतिशत एथनॉल मिलाने पर शोध उन्नत चरण में : गडकरी

डीजल में 15 प्रतिशत एथनॉल मिलाने पर शोध उन्नत चरण में : गडकरी

:   Modified Date:  October 14, 2024 / 06:40 PM IST, Published Date : October 14, 2024/6:40 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि डीजल में 15 प्रतिशत एथनॉल मिलाने को लेकर शोध का काम उन्नत चरण में है और सरकार ठोस प्रमाण के आधार पर इसे प्राथमिकता देने के तरीके तलाश रही है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के जैव ऊर्जा शिखर सम्मेलन-2024 को संबोधित करते हुए गडकरी ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में एथनॉल मिश्रण 2014 के 1.53 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 15 प्रतिशत हो गया है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इस प्रगति से प्रेरित होकर सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत मिश्रण तक पहुंचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

उन्होंने बताया कि इंडियन ऑयल ने 400 एथनॉल पंप स्टेशन लगाने का फैसला किया है। ‘‘हम सुजुकी, टाटा और टोयोटा सहित वाहन निर्माताओं से भी मिल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन वाहन निर्माताओं ने फ्लेक्स-इंजन वाली कारें पेश करने का फैसला किया है।’’

मंत्री के अनुसार, टीवीएस, बजाज और होंडा जैसी अन्य वाहन निर्माता कंपनियां एथनॉल बाइक के साथ तैयार हैं और अपनी बाइक पेश करने के लिए एथनॉल पंप के आने का इंतजार कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि देश ‘ज्ञान से धन’ के युग से ‘कचरे से धन’ के युग की ओर बढ़ गया है।

सीएनजी के बारे में, मंत्री ने कहा, ‘‘सीएनजी में 475 से अधिक परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, और पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में 40 से अधिक परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं।’’

गडकरी ने नगरपालिका के ठोस कचरे को बायो-सीएनजी में बदलने की आगे की तकनीकों की खोज करने की जरूरत पर जोर दिया। इसमें कच्चे माल की लागत शून्य हो जाती है।

गडकरी ने कहा, ‘‘हम फिलहाल पराली का पांचवां हिस्सा इस्तेमाल कर पाते हैं, लेकिन अगर हम सही तरीके से योजना बनाएं तो अगले कुछ साल में पराली से होने वाले मौसमी वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान कर सकते हैं।’’

मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) इस बात पर शोध कर रहा है कि कैसे बायो-कोलतार का उत्पादन करके देश के कोलतार आयात को कम किया जा सकता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

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