नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) भारत में 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 30.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी। सोमवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 के अनुसार, इसे प्राप्त करने के लिए वित्त जुटाने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी शर्तों पर निवेश और भूमि अधिग्रहण के मुद्दों का समाधान आवश्यक है।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2024 से 2030 के बीच भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र में लगभग 30.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है।
समीक्षा के अनुसार, इससे संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर पैदा होंगे।
समीक्षा कहती है कि भारत में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को 2014 से 2023 के बीच 8.5 लाख करोड़ रुपये (102.4 अरब डॉलर) का नया निवेश मिला, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 तक 17.88 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धी शर्तों पर आवश्यक वित्त और निवेश जुटाने के संबंध में आर्थिक समीक्षा में बैंकिंग क्षेत्र को तैयार करने पर जोर दिया गया है।
भूमि अधिग्रहण के संबंध में सर्वेक्षण में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाली भूमि की पहचान, उसका रूपांतरण (यदि आवश्यक हो), भूमि सीलिंग अधिनियम से मंजूरी, भूमि पट्टा किराया पर निर्णय, राजस्व विभाग से मंजूरी तथा अन्य ऐसी मंजूरियों की ओर संकेत दिया गया है।
इसमें सुझाव दिया गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकारों को प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए।
साल 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के मद्देनजर ये सुझाव महत्वपूर्ण हैं।
भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से बिजली उत्पादन के लिए 50 प्रतिशत कुल स्थापित क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
समीक्षा में कहा गया है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की राष्ट्रीय विद्युत योजना के अनुसार, गैर-जीवाश्म ईंधन (जलविद्युत, परमाणु, सौर, पवन, बायोमास, लघु जलविद्युत, पंप भंडारण पंप) आधारित क्षमता 2023-24 में कुल स्थापित क्षमता के 441.9 गीगावाट में से लगभग 203.4 गीगावाट (कुल का 46 प्रतिशत) है। गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता 2026-27 में बढ़कर 349 गीगावाट (57.3 प्रतिशत) और 2029-30 में 500.6 गीगावाट (64.4 प्रतिशत) होने का अनुमान है।
समीक्षा के अनुसार, भारत के हरित बदलाव से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।
इसमें कहा गया, “… साल 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा पहल से 238 गीगावाट सौर और 101 गीगावाट नई पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करके 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करके लगभग 34 लाख नौकरियां (अल्पकालिक और दीर्घकालिक) पैदा की जा सकती हैं।”
भाषा अनुराग अजय
अजय
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