अनुबंध नहीं, मजबूत भरोसे और रिश्ते पर आधारित है रिलायंस-बीपी का संबंध: मुकुंदन |

अनुबंध नहीं, मजबूत भरोसे और रिश्ते पर आधारित है रिलायंस-बीपी का संबंध: मुकुंदन

अनुबंध नहीं, मजबूत भरोसे और रिश्ते पर आधारित है रिलायंस-बीपी का संबंध: मुकुंदन

:   Modified Date:  October 2, 2024 / 03:44 PM IST, Published Date : October 2, 2024/3:44 pm IST

नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) बहुराष्ट्रीय कंपनी बीपी के निवर्तमान प्रमुख शशि मुकुंदन ने कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के साथ हमारा संबंध अनुबंधों पर नहीं बल्कि भरोसे और मजबूत रिश्ते पर आधारित हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों के बीच समझौते की विशिष्ट अवधि भले ही समाप्त हो गई है, लेकिन ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी रणनीतिक भागीदारी के तहत मुकेश अंबानी की कंपनी के साथ भारत में तेल और गैस तथा वाहन क्षेत्र में उद्यमों को जारी रखेगी।

बीपी ने 2011 में रिलायंस के 23 तेल और गैस ब्लॉक में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 7.2 अरब डॉलर खर्च किये थे। यह पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 ब्लॉक सौदे की आधारशिला थी। सौदे के तहत 10 साल की विशिष्ट अवधि का प्रावधान किया गया था। इसका मतलब था कि बीपी केवल रिलायंस के साथ साझेदारी में ही भारत में ऊर्जा परियोजनाओं या अन्य क्षेत्रों में निवेश करेगी।

कंपनी ने अबतक ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में 12 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। इसमें केजी-डी6 में गहरे पानी की तीन प्राकृतिक गैस परियोजनाएं शामिल हैं, जो भारत के गैस उत्पादन का एक-तिहाई हिस्सा है।

मुकुंदन ने कहा कि हमने 2005 में रिलायंस के साथ काम करना शुरू किया था। जब पहले तत्कालीन बीपी सीईओ लॉर्ड जॉन ब्राउने ने भारत का दौरा किया था, तब हमने भारतीय कंपनी के साथ काम करना शुरू किया।

आखिरकार यह 2011 के सौदे में सफल हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘तेल खोज एवं उत्पादन के क्षेत्र में समझौते के 13 साल हो गये हैं, लेकिन हमने एक बार भी पीछे मुड़कर अनुबंध को नहीं देखा है।’’ उन्होंने कहा कि रिलायंस के साथ साझेदारी अनुबंध पर नहीं है, बल्कि ‘भरोसा’ और रिश्ते’ पर आधारित है।

मुकुंदन ने कहा, ‘‘हमारा संबंध इतना मजबूत है कि जब भी हमारे दोनों साझेदारों के बीच कोई मसला होता है, तो हम बस आमने-सामने बैठते हैं और उसे सुलझा लेते हैं…।’’

मुकुंदन ने कहा कि मूल समझौता तेल और गैस खोज और उत्पादन के क्षेत्र में था। लेकिन अब यह बढ़कर खुदरा क्षेत्र में भागीदारी और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों तक पहुंच गया है तथा इस गठजोड़ का आगे और विस्तार हो रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘2011 में हुए अनुबंध के तहत विशिष्ट व्यवस्था 10 साल के लिए थी। वह अवधि समाप्त हो गई। लेकिन हमारे बीच बिना लिखा-पढ़ी वाला समझौता है… मैं इसे समझौता नहीं कहूंगा, लेकिन यह एक भावना है कि मूल रूप से, हम उनके रणनीतिक भागीदार हैं और वे हमारे रणनीतिक साझेदार हैं। मुझे लगता है कि दोनों कंपनियां वास्तव में इस पर कायम हैं।’’

मुकुंदन ने कहा, ‘‘ बीपी-रिलायंस का संबंध रिश्ते के दृष्टिकोण से अधिक विशिष्ट हैं।’’

अंबानी के लिए बीपी उसका रणनीतिक साझेदार है।

यह पूछे जाने पर कि बीपी ने रिलायंस को क्यों चुना और सरकारी स्वामित्व वाली ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी किसी अन्य भारतीय कंपनी का चयन क्यों नहीं किया, मुकुंदन ने कहा कि रिलायंस के पास 2,70,000 वर्ग किलोमीटर में फैला एक बहुत बड़ा अन्वेषण क्षेत्र था जिसके काफी मायने थे।

बीपी-रिलायंस ने तेल और गैस अन्वेषण क्षेत्र के लिए हाल ही में संपन्न बोली दौर में गुजरात अपतटीय ब्लॉक के लिए बोली लगाने के लिए ओएनजीसी के साथ मिलकर काम किया।

मुकुंदन ने कहा कि इन वर्षों में बीपी का दृष्टिकोण ‘भारत जो चाह रहा है, उसके साथ काम करने का’ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘बीपी देश में खोज को आगे बढ़ाने को लेकर सरकार के साथ खड़ी है ताकि अधिक तेल और गैस का उत्पादन किया जा सके और आयात पर निर्भरता में कमी लायी जा सके।’’

मुकुंदन ने कहा, ‘‘और उस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हमने ओएनजीसी, रिलायंस के साथ बातचीत की। हम इस बात पर सहमत हुए कि यदि हम तीनों साथ आते हैं, तो यह एक शक्तिशाली गठजोड़ होगा…।’

बीपी की भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए मुकुंदन ने कहा कि निवेश रणनीति चार स्तंभों पर टिकी है – मजबूत हाइड्रोकार्बन, लुब्रिकेंट, वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा।

उन्होंने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों में से हम अभी भी तेल और गैस पर ध्यान देना जारी रखेंगे। बीपी-रिलायंस का केजी-डी6 ब्लॉक भारत की एक-तिहाई प्राकृतिक गैस का उत्पादन करता है। यह ब्लॉक तेल भी पैदा करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘और हमारी उस ब्लॉक में और अधिक काम करने की योजना है। हमें इसके बगल में दो अन्य ब्लॉक मिले हैं, जिनका हम खोज करना जारी रखेंगे। उम्मीद है कि हमने जो बुनियादी ढांचा बनाया है, उसी का उपयोग करेंगे।’’

मुकुंदन ने कहा कि बीपी-रिलायंस निकट अवधि में दो ब्लॉक में ‘कुछ अरब डॉलर’ का निवेश करेंगी।

फिर वाहन क्षेत्र में बीपी और रिलायंस की समान भागीदारी वाला गठजोड़ जियो-बीपी है।

उन्होंने कहा, ‘‘…हम कॉम्प्रेस्ड बायोगैस और सीएनजी और फिर ईवी चार्जिंग पर विचार कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, संयुक्त उद्यम ने अभी 5,000वें चार्जिंग पॉइंट का उद्घाटन किया है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)