साइबर सुरक्षा क्षेत्र में विनियामक ढांचे महत्वपूर्ण: क्विक हील के सीईओ विशाल साल्वी |

साइबर सुरक्षा क्षेत्र में विनियामक ढांचे महत्वपूर्ण: क्विक हील के सीईओ विशाल साल्वी

साइबर सुरक्षा क्षेत्र में विनियामक ढांचे महत्वपूर्ण: क्विक हील के सीईओ विशाल साल्वी

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Modified Date: October 3, 2024 / 11:37 AM IST
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Published Date: October 3, 2024 11:37 am IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) क्विक हील टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विशाल साल्वी ने कहा कि संवेदनशील डेटा की सुरक्षा के लिए स्पष्ट मानक तय करने और उद्योगों में जवाबदेही सुनिश्चित करने के जरिये साइबर सुरक्षा परिदृश्य को आकार देने में विनियामक ढांचे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

साल्वी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में विनियामक ढांचे के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा व्यवसायों व उपभोक्ताओं के बीच विश्वास को बढ़ावा देने के लिए वे आवश्यक हैं।

एक कार्यक्रम से इतर साल्वी ने कहा, ‘‘ आज की परस्पर जुड़ी हुई दुनिया में (डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम) डीपीडीपी अधिनियम और वैश्विक गोपनीयता विनियम जैसे नियम डेटा संरक्षण सुनिश्चित करने तथा व्यवसायों व उपभोक्ताओं के बीच विश्वास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’

साल्वी ने कहा, ‘‘ हम अगले कुछ वर्षों में नए समाधान जोड़ते हुए अपने सेवा योग्य बाजार को दोगुना करने की योजना बना रहे हैं..’’

उन्होंने कहा कि तीन दशक पुरानी साइबर सुरक्षा समाधान प्रदाता कंपनी विदेशी बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई प्रमुख रणनीतियों को लागू कर रही है, जिसमें उन क्षेत्रों में विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जहां उन्नत साइबर सुरक्षा समाधानों की मांग अधिक है।

क्विक हील टेक्नोलॉजीज ने बृहस्पतिवार को कृत्रिम मेधा (एआई) -आधारित धोखाधड़ी रोकथाम समाधान ‘एंटीफ्रॉडडॉटएआई’ पेश किया। यह एंड्रॉइड, आईओएस और विंडोज पर 750 रुपये प्रति वर्ष की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है। यह ‘मेड इन इंडिया’ समाधान कई सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करता है, जैसे धोखाधड़ी कॉल अलर्ट, बैंकिंग धोखाधड़ी अलर्ट, धोखाधड़ी ऐप डिटेक्टर, घोटाला संरक्षण, डार्क वेब मॉनिटरिंग और स्क्रीन शेयर अलर्ट आदि।

पुणे में मुख्यालय वाली क्विक हील वर्तमान में 70 से अधिक देशों में काम करती है। इसने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 37 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 70.3 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था।

भाषा निहारिका

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