(मानवेन्द्र झा)
सिडनी, 24 सितंबर (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को रियल एस्टेट उद्योग से कहा कि वे इस क्षेत्र में काम करने वाले सात करोड़ लोगों के लिए ईएसआईसी तथा भविष्य निधि पंजीकरण की गारंटी प्रदान करें ।
उन्होंने इसके साथ ही उद्योग से कम प्रदूषण के साथ तेजी से परियोजना निष्पादन के लिए विनिर्माण प्रक्रिया का नया स्वरूप अपनाने का आह्वान किया ।
रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष संगठन क्रेडाई द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने रियल एस्टेट कंपनियों सहित भारतीय उद्योग जगत से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्माण उपकरणों के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने को भी कहा।
गोयल ने रियल एस्टेट कंपनियों से कहा, ‘‘ मैं आपसे इस बारे में गंभीरता से सोचने का आग्रह करता हूं… क्या हम इस क्षेत्र में काम करने वाले सभी सात करोड़ कामगारों तथा महिलाओं के लिए ईएसआईसी और भविष्य निधि पंजीकरण की गारंटी सुनिश्चित कर सकते हैं। ’’
उन्होंने क्रेडाई से कहा कि वह 25 नवंबर को अपने 14,000 सदस्यों के साथ व्यापक चर्चा के बाद एक प्रस्ताव लेकर आए।
क्रेडाई की 25 नवंबर को 25वीं वर्षगांठ है ।
गोयल ने कहा कि अगर उद्योग ईएसआईसी तथा पीएफ पंजीकरण की गारंटी सुनिश्चित करता है तो इसके कई सकारात्मक प्रभाव होंगे।
संभावित लाभों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ इससे आपके उद्योग को श्रेय तथा विश्वसनीयता मिलेगी। लोग इस बात की सराहना करने लगेंगे कि आप सात करोड़ लोगों को रोजगार दे रहे हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी।’’
उन्होंने कहा कि उद्योग को उसके अच्छे काम का श्रेय मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने ईएसआईसी और पीएफ पंजीकरण की गारंटी से 100 प्रतिशत स्वास्थ्य ‘कवरेज’ और सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा के लिए पेंशन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
गोयल ने कहा कि इस कदम से इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की क्षमताएं तथा दक्षता बढ़ेगी, जिससे गुणवत्ता में सुधार होगा।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के चेयरपर्सन जक्षय शाह से विनिर्माण क्षेत्र के लिए नए मानक तैयार करने के वास्ते भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ मिलकर काम करने को कहा।
गोयल ने उद्योग में ‘‘ गुणवत्तापूर्ण संस्कृति ’’ विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि इसमें ज्यादा खर्च नहीं आएगा।
विनिर्माण उपकरणों पर आयात शुल्क कम करने की क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी की मांग पर मंत्री ने सुझाव दिया कि उद्योग को इन वस्तुओं का भारत में ही विनिर्माण करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए तथा देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में उच्च विकास क्षमता के कारण विनिर्माण उपकरणों की भारी मांग होगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशों से सहयोग तथा प्रौद्योगिकी तकनीक लेने में कोई बुराई नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन मुझे लगता है कि शुल्कों के बजाय हमें भारत में उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’
गोयले ने कहा, ‘‘ यदि हम इस्पात संरचनाओं की ओर बढ़ें और ‘प्रीकास्ट’ उपकरणों का इस्तेमाल करें, जैसा कि हम यूरोप, अमेरिका, दुबई, सिंगापुर और संभवतः ऑस्ट्रेलिया में भी देखते हैं, तो विनिर्माण की लागत में बहुत अधिक वृद्धि नहीं होगी, लेकिन विनिर्माण की गति निश्चित रूप से बढ़ जाएगी।’’
गोयल ने कहा कि उद्योग जगत रियल एस्टेट परियोजनाओं को तेजी से पूरा कर सकेगा और उनकी लागत भी कम होगी।
‘कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (क्रेडाई) के देशभर में करीब 14,000 रियल एस्टेट डेवलपर सदस्य हैं।
क्रेडाई 23 से 26 सितंबर तक यहां अपना प्रमुख सम्मेलन ‘क्रेडाई नैटकॉन’ आयोजित कर रहा है। इसमें रियल एस्टेट जगत के 1,100 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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