नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश इस साल 51 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 8.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा कि निवेशक आवास, कार्यालय और भंडारण संपत्तियों की मजबूत मांग को भुनाना चाहते हैं, जिस कारण यह वृद्धि हुई।
जेएलएल इंडिया ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि 2024 में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश का कुल आंकड़ा 8.87 अरब डॉलर रहेगा, जबकि 2023 के कैलेंडर साल में यह 5.87 अरब डॉलर था।
भारतीय रियल एस्टेट में कुल संस्थागत निवेश में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का योगदान 63 प्रतिशत रहा है।
विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों की बात करें, तो आवास क्षेत्र को 45 प्रतिशत निवेश मिला है। इसके बाद कार्यालय भवनों में 28 प्रतिशत और वेयरहाउसिंग (भंडारण) संपत्तियों में 23 प्रतिशत निवेश हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, “वर्ष 2024 में 78 सौदों के माध्यम से संस्थागत निवेश 8.9 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह आंकड़ा अबतक का सर्वाधिक है। इससे पहले का सबसे ऊंचा आंकड़ा 2007 में हासिल हुआ था। उस समय यह 8.4 अरब डॉलर रहा था।”
सौदा गतिविधियां तेज होने से वर्ष 2024 में सौदों की संख्या में 47 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
जेएलएल की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं भारत में पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, “मजबूत वृद्धि, राजनीतिक स्थिरता और विविध निवेश अवसरों ने भारत को वैश्विक आर्थिक संदर्भ में अनुकूल स्थिति में ला खड़ा किया है। रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश में उछाल देखा गया है।”
उन्होंने कहा कि एक उल्लेखनीय बदलाव यह है कि 2023 से घरेलू निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है और यह प्रवृत्ति 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है, जिसमें उनका योगदान 37 प्रतिशत होगा। वहीं 2019-2022 के बीच उनका योगदान औसतन 19 प्रतिशत रहा है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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