आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रारूप जारी किया |

आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रारूप जारी किया

आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रारूप जारी किया

:   Modified Date:  July 26, 2024 / 07:20 PM IST, Published Date : July 26, 2024/7:20 pm IST

मुंबई, 26 जुलाई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) प्रारूप जारी किया। इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि उचित समय पर उपयुक्त हस्तक्षेप किया जा सके।

प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पीसीए प्रारूप के प्रावधान एक अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगे। पीसीए प्रारूप जारी करने का मतलब है कि संबंधित वित्तीय इकाइयों पर आरबीआई उचित समय पर हस्तक्षेप कर सके।

इस प्रारूप का मकसद है कि शहरी सहकारी बैंक समय पर सुधारात्मक कदम उठाएं और उन्हें लागू करें ताकि उनकी वित्तीय सेहत बहाल हो सके।

रिजर्व बैंक ने कमजोर शहरी सहकारी बैंकों और वित्तीय दबाव से गुजर रहे यूसीबी में जरूरी सुधारों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप उपकरण के तौर पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) जारी किया था। एसएएफ को आखिरी बार जनवरी 2020 में संशोधित किया गया था।

आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘यह पीसीए प्रारूप अब शहरी सहकारी बैंकों के लिए एसएएफ की जगह लेगा।’

संशोधित ढांचा किसी मामले में जोखिमों के आकलन के आधार पर उस इकाई के लिए विशिष्ट पर्यवेक्षी कार्य योजनाएं तय करने के लिए लचीलापन लाना चाहता है।

आरबीआई ने कहा, ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लागू समान ढांचे के साथ पीसीए ढांचे को सुसंगत बनाया गया है। इसमें आनुपातिक महत्व के अंतर्निहित सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए जरूरी संशोधन किए गए हैं।’

रिजर्व बैंक के मुताबिक, पीसीए ढांचा काफी हद तक सिद्धांत-आधारित है, जिसमें एसएएफ की तुलना में कम मानदंड होने के बावजूद पर्यवेक्षी कठोरता में कोई कमी नहीं है।

संशोधित पीसीए ढांचे में पूंजी, परिसंपत्ति गुणवत्ता और लाभप्रदता के बिंदुओं पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। यह ढांचा छोटे यूसीबी (टियर 1 यूसीबी) को छोड़कर सभी शहरी सहकारी बैंकों पर लागू होगा।

रिजर्व बैंक ने विनियामक उद्देश्यों के लिए शहरी सहकारी बैंकों को चार स्तरों में वर्गीकृत किया हुआ है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

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