नई दिल्लीः Charge on UPI Based Transactions इस डिजिटल युग में हर कोई बैंक जाने की झंझट नहीं पालना चाहता है। लोग अब ऑनलाइन ही बैंकिंग से जुड़े सभी काम करना चाहते हैं। इसके लिए लोग यूपीआई और नेट बैंकिंग का सहारा लेते हैं। लेकिन अब यूपीआई बेस्ट फंड ट्रांसफर पर आपकी जेब कटने वाली है। जी हां आरबीआई अब यूपीआई बेस्ट फंड ट्रांसफर पर पैसे चार्ज करने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में आरबीआई ने सार्वजनिक तौर पर सुझाव मांगे हैं।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Charge on UPI Based Transactions केंद्रीय बैंक ने भुगतान प्रणाली में शुल्क पर चर्चा के लिए एक पेपर जारी किया है और इस विषय पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। पेपर में कहा गया है कि ऑपरेटर के रूप में आरबीआई को आरटीजीएस में बड़े निवेश और परिचालन व्यय की लागत की वसूली करनी है। क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन का व्यय शामिल है। इसके अलावा रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) में आरबीआई द्वारा लगाया गया शुल्क कमाई का साधन नहीं है। डिजिटल लेन देन पर शुल्क लगाने से इसके सिस्टम पर होने वाले व्यय को मेंटेन किया जाएगा ताकि यह सुविधा बिना किसी रुकावट के जारी रहे।
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यूपीआई आधारित लेनदेन के अलावा आरटीजीएस और एनईएफटी द्वारा भी भुगतान किया जाता है। इन भुगतानों पर शुल्क लगा है। आरटीजीएस मुख्य रूप से बड़े लेनदेन के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से बैंकों और बड़े संस्थानों/व्यापारियों द्वारा किया जाता है। पेपर में कहा गया है कि क्या इस तरह की प्रणाली जिसमें सदस्य के रूप में संस्थान शामिल हैं, के लिए आरबीआई को मुफ्त लेनदेन प्रदान कराना चाहिए। आरबीआई का कहना है कि एनईएफटी के संचालन में आरबीआई को लाभ नहीं मिलता। लेकिन लागत की वसूली को उचित ठहराया जा सकता है।
आरबीआई द्वारा जारी पेपर में पूछा गया है कि भले ही इस तरह के बुनियादी ढांचे को सार्वजनिक वस्तु के रूप में माना जाता और भुगतान के डिजिटलीकरण को सर्विस कहा जाता है लेकिन क्या कोई शुल्क न लगाना ठीक है? पेपर ने आरबीआई द्वारा विनियमित किए जा रहे तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) लेनदेन के लिए शुल्क की संभावना को सामने रखा है। यह माना जा रहा है कि जल्द ही आरबीआई यूपीआई भुगतान पर भी चार्ज लगा देगा।