बैंकों के लिए ग्राहकों को निश्चित ब्याज दर वाले उत्पाद पेश करना अनिवार्यः आरबीआई |

बैंकों के लिए ग्राहकों को निश्चित ब्याज दर वाले उत्पाद पेश करना अनिवार्यः आरबीआई

बैंकों के लिए ग्राहकों को निश्चित ब्याज दर वाले उत्पाद पेश करना अनिवार्यः आरबीआई

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Modified Date: January 10, 2025 / 08:11 PM IST
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Published Date: January 10, 2025 8:11 pm IST

मुंबई, 10 जनवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि बैंकों के लिए मासिक किस्त पर आधारित सभी व्यक्तिगत ऋण श्रेणियों में निश्चित ब्याज दर वाले उत्पाद पेश करना अनिवार्य है।

आरबीआई ने ‘समान मासिक किस्तों (ईएमआई) पर आधारित व्यक्तिगत ऋणों पर फ्लोटिंग ब्याज दर के पुनर्निर्धारण’ संबंधी अगस्त, 2023 के परिपत्र पर ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों’ (एफएक्यू) जारी कर यह स्पष्टीकरण दिया है।

इसमें यह भी कहा गया है कि इस परिपत्र के दायरे में ईएमआई पर आधारित सभी व्यक्तिगत ऋण आते हैं, चाहे ब्याज दर किसी बाहरी मानक से जुड़ी हो या आंतरिक मानक से।

एफएक्यू के मुताबिक, ऋणों की मंजूरी के समय वार्षिक ब्याज दर/ वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर), जो भी लागू हो, मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) और ऋण समझौते में बताया जाना चाहिए।

आरबीआई ने कहा है कि ऋण अवधि के दौरान बाहरी मानक दर के कारण ईएमआई या कर्ज अवधि में होने वाली किसी भी वृद्धि के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।

इसके अलावा तिमाही विवरण में उस समय तक वसूले गए मूलधन और ब्याज, ईएमआई राशि, बाकी मासिक किस्तों की संख्या और ऋण की अवधि के लिए वार्षिक ब्याज दर का खुलासा किया जाना चाहिए।

एफएक्यू के मुताबिक, बैंकों और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को सभी समान किस्त आधारित व्यक्तिगत ऋण श्रेणियों में अनिवार्य रूप से निश्चित ब्याज दर वाले उत्पाद पेश करने होंगे। उन्हें ब्याज दरों का पुनर्निर्धारण करते समय निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृत नीति के अनुरूप उधारकर्ताओं को एक निश्चित दर पर जाने का विकल्प भी देना होगा।

रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2023 में बैंकों को निर्देश दिया था कि वे मासिक किस्तों के जरिये कर्ज चुकाने वाले व्यक्तिगत कर्जदारों को एक निश्चित ब्याज दर प्रणाली या ऋण अवधि के विस्तार का विकल्प चुनने की अनुमति दें। आरबीआई ने यह कदम बढ़ती ब्याज दरों के बीच कर्जदारों को ऋण जाल में फंसने से बचाने के उद्देश्य से उठाया था।

रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद बढ़ी हुई मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने 2022 में ब्याज दरें तेजी से बढ़ाई थीं। हालांकि फरवरी, 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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