new guidelines of reserve bank : नई दिल्ली। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को बैंकों चेताते हुए कहा कि उनके लिए ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा सबसे ऊपर है। कुछ बैंकों में रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के बावजूद कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर चिंताएं उभर रहीं हैं और इसमें खामियों से बैंकिंग सेक्टर में अस्थिरता आ सकती है। ये खतरे पूरे बैंकिंग क्षेत्र में उतार-चढ़ाव पैदा कर सकते हैं और किसी भी तरह के खतरे से बचने के लिए चेतावनी वाले संकेतों को पहले ही पहचानना होगा।
आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2023-23 में इस नए लाइटवेट पेमेंट और पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम के आइडिया के बारे में बताया है। केंद्रीय बैंक ने देश में लाइटवेट पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम की आवश्यकता के बारे में बताते हुए कहा कि आरटीजीएस, एनईएफटी और यूपीआई जैसी मौजूदा पारंपरिक भुगतान प्रणाली को निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए बड़ी मात्रा में भुगतान करने के लिए डिजाइन किया गया है और इसलिए वे जटिल पेमेंट सिस्टम पर निर्भर हैं।
new guidelines of reserve bank : प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी भयानक घटनाओं में इन भुगतान सिस्टम को अस्थाई रूप से अनुपलब्ध करने की क्षमता है। इसलिए, इस तरह के चरम और सामना करने के लिए तैयार रहना विवेकपूर्ण है। नई भुगतान प्रणाली के न्यूनतम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर काम करने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसे सक्रिय किया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि यह उन लेनदेन को प्रोसेस करेगा जो अर्थव्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे कि सरकार और बाजार से संबंधित लेनदेन।
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आरबीआई का कहना है कि इस तरह की लाइटवेट और पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम देश में भुगतान और निपटान प्रणाली के लगभग शून्य डाउनटाइम को सुनिश्चित कर सकती है और रिटेल भुगतान, इंटरबैंक भुगतान और आवश्यक भुगतान सर्विस के कामकाज को सुविधाजनक बनाकर अर्थव्यवस्था को जीवित रखने में मदद मिल सकती है। आरबीआई ने आगे कहा कि इससे विषम परिस्थितियों में भी डिजिटल भुगतान और फाइनेंस मार्केट के स्ट्रक्चर में जनता का विश्वास बढ़ेगा।