‘एक देश, एक बैंक-लोकप्रहरी’ का पक्षधर आरबीआई; शिकायत निवारण प्रणाली का किया जायेगा एकीकरण

‘एक देश, एक बैंक-लोकप्रहरी’ का पक्षधर आरबीआई; शिकायत निवारण प्रणाली का किया जायेगा एकीकरण

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  • Publish Date - February 5, 2021 / 11:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

मुंबई, पांच फरवरी (भाषा) रिजर्व बैंक ने बैंकिंग प्रणाली में ‘एक देश, एक बैंक-लोकप्रहरी’ की संकल्पना लागू करने की शुक्रवार को घोषणा की। उसने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों की शिकायत निवारण प्रणाली का एकीकरण किये जाने की जरूरत है।

अभी देश की बैंकिंग प्रणाली में तीन अलग-अलग बैंक-लोकप्रहरी (ओम्बड्समैन) होते हैं। ये बैंक-लोकप्रहरी बैंकिंग, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा डिजिटल लेन-देन के लिये होते हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘विवादों को सुलटाने की वैकल्पिक व्यवस्था को सरल बनाने तथा विनियमित निकायों के ग्राहकों के प्रति इसे अधिक जवाबदेह बनाने के लिये तीनों बैंक-लोकप्रहरी व्यवस्थाओं का विलय कर ‘एक देश, एक बैंक-लोकप्रहरी’ की अवधारणा को अमल में लाने का निर्णय लिया गया है।’’

उन्होंने कहा कि इस कदम का लक्ष्य एक केंद्रीयकृत संदर्भ प्रदान कर एकीकृत योजना के तहत बैंकों, एनबीएफसी तथा प्रीपेड भुगतान समाधान मुहैया कराने वाली गैर-बैंकिंग कंपनियों के ग्राहकों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिये एकल मंच प्रदान करना है।

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ई-इंटीग्रेटेड बैंक-लोकप्रहरी योजना को जून 2021 से शुरू करना चाह रहा है।

दास ने कहा कि वित्तीय उपभोक्ता संरक्षण का महत्व नीतिगत क्षेत्र में बढ़ा है। रिजर्व बैंक इसी पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘उपभोक्ता संरक्षण पर वैश्विक पहलों के अनुरूप आरबीआई ने विनियमित संस्थाओं की शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के लिये कई पहलें की हैं।

उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने विनियमित निकायों के द्वारा संतोषजनक समाधान नहीं निकाले जाने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने के लिये शिकायत प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) पोर्टल की शुरुआत की थी।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर