मुंबई, दो दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने अनियमित ऋण प्रक्रियाओं के कारण नागपुर स्थित जैवरॉन फाइनेंस का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है।
केंद्रीय बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जैवरॉन फाइनेंस ने अपने डिजिटल ऋण परिचालन में वित्तीय सेवाओं की ‘आउटसोर्सिंग’ में रिजर्व बैंक के आचार संहिता के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। इसमें कर्ज मूल्यांकन, ऋण वितरण, ब्याज दर तय करने के साथ-साथ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) सत्यापन प्रक्रिया जैसे अपने मुख्य निर्णय लेने वाले कार्यों को ‘आउटसोर्स’ किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि कंपनी न केवल ऋण सेवा प्रदाताओं (एलएसपी) पर उनकी क्षमता, सुरक्षा और आंतरिक नियंत्रण, अंतिम लाभकारी मालिकों, राष्ट्रीयता एवं शेयरधारिता प्रतिरूप का आकलन करने के लिए उचित प्रक्रिया अपनाने में विफल रही, बल्कि ग्राहक आंकड़ों की गोपनीयता या सुरक्षा को सुरक्षित करने के लिए एलएसपी द्वारा तैनात सुरक्षा गतिविधियों एवं नियंत्रण प्रक्रियाओं की आवधिक समीक्षा करने में भी विफल रही।
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘कंपनी ने अपने ग्राहकों को स्थानीय भाषा में ऋण समझौते और स्वीकृति पत्र की प्रति उपलब्ध न कराकर निष्पक्ष व्यवहार संहिता पर रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।’’
पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द होने के बाद जैवरॉन फाइनेंस (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफआई) का कारोबार नहीं कर सकती।
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