रतन टाटा असाधारण व्यक्तित्व थे जो दूसरों को हमेशा प्रोत्साहित करते थेः टाटा स्टील सीईओ |

रतन टाटा असाधारण व्यक्तित्व थे जो दूसरों को हमेशा प्रोत्साहित करते थेः टाटा स्टील सीईओ

रतन टाटा असाधारण व्यक्तित्व थे जो दूसरों को हमेशा प्रोत्साहित करते थेः टाटा स्टील सीईओ

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 03:20 PM IST, Published Date : October 10, 2024/3:20 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टी वी नरेंद्रन ने गहरा शोक जताते हुए कहा है कि वह एक असाधारण व्यक्तित्व थे जो दूसरों को अपनी सीमाओं से आगे निकलने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

नरेंद्रन ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘टाटा ने कुछ बहुत ही चुनौतीपूर्ण और परिवर्तनकारी समय के दौरान टाटा स्टील का मार्गदर्शन किया। वह अनगिनत व्यक्तियों के लिए एक मार्गदर्शक थे जिन्होंने मानवता की भलाई के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता से हमें प्रेरित किया।’’

टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से वृद्धावस्था संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे।

टाटा समूह की इस्पात कंपनी टाटा स्टील के प्रमुख नरेंद्रन ने कहा कि टाटा एक असाधारण व्यक्तित्व थे जिन्होंने महान दृष्टि के साथ नेतृत्व किया और हमेशा अपनी आकांक्षाओं की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि उद्योग, परोपकार और राष्ट्र निर्माण में उनके अद्वितीय योगदान ने समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) के महासचिव आलोक सहाय ने कहा कि भारत इस्पात उत्पादन में अपनी विरासत के लिए टाटा समूह का आभारी है, जिसने 1907 में झारखंड के जमशेदपुर में देश को अपनी पहली एकीकृत इस्पात इकाई दी।

सहाय ने कहा कि रतन टाटा ने टाटा स्टील को वैश्विक ब्रांड बनाया और उनकी प्रेरक विरासत इस्पात उद्योग का मार्गदर्शन करती रहेगी।

जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘भारत ने रतन टाटा के रूप में एक महान व्यक्तित्व खो दिया है। उद्योग, नवाचार और परोपकार में उनका योगदान बहुत बड़ा था, लेकिन यह उनके मूल्य और विनम्रता ही थी जिसने उन्हें सही मायनों में एक प्रतीक बनाया।’’

जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘रतन टाटा जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने एक बार कहा था कि अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलें। अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं, तो साथ चलें।’’

एएमएनएस इंडिया के सीईओ दिलीप ओमन ने कहा कि टाटा का काम आधुनिक भारत की प्रगति को आकार देने में महत्वपूर्ण रहा है। ऐसे समय में जब दुनिया हमारे बढ़ते राष्ट्र को देख रही है, उनका मार्गदर्शन अमूल्य होता।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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