रेलवे ने पहियों का आयात कम करने के लिए घरेलू कंपनी से समझौता किया |

रेलवे ने पहियों का आयात कम करने के लिए घरेलू कंपनी से समझौता किया

रेलवे ने पहियों का आयात कम करने के लिए घरेलू कंपनी से समझौता किया

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Modified Date: January 10, 2025 / 10:21 PM IST
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Published Date: January 10, 2025 10:21 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) भारतीय रेलवे ने रेल पहियों का आयात कम करने के लिए एक भारतीय कंपनी के साथ गठजोड़ किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

भारतीय रेलवे पहियों की जरूरतों के लिए मुख्य रूप से चीन पर निर्भर है।

रेलवे के अनुसार, वह 1960 के दशक से ही इंजनों और कोचिंग स्टॉक (एलएचबी) के लिए आवश्यक विभिन्न प्रकार के पहियों (फोर्ज्ड व्हील्स) का आयात ब्रिटेन, चेक गणराज्य, ब्राजील, रोमानिया, जापान, चीन, यूक्रेन और रूस से करता रहा है।

रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “वर्ष 2024-25 के दौरान चीन और रूस/यूक्रेन से लगभग 900 करोड़ रुपये के पहिये आयात किए गए और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) से 40,000 पहिये मंगवाए गए। वर्तमान में रूस-यूक्रेन संकट के कारण पहियों का ज्यादातर आयात जरूरत चीन से पूरी की जा रही है।”

इसमें कहा गया है, “अधिक और उच्च गति वाली रेलगाड़ियों के शामिल होने के कारण 2026 तक पहियों की आवश्यकता बढ़कर दो लाख तक पहुंचने का अनुमान है।”

मंत्रालय के अनुसार, 2024-25 के लिए मौजूदा घरेलू उत्पादन क्षमता केवल 75,000 पहियों की है। …इसलिए, उसने एक भारतीय कंपनी – रामकृष्ण फोर्जिंग्स लिमिटेड (आरकेएफएल) और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीडब्ल्यूएल) के एक समूह के साथ सहयोग करके इसे बढ़ाने की योजना बनाई है। यह अगले 20 वर्षों तक प्रति वर्ष 80,000 पहियों की आपूर्ति कर सकता है।

बयान के अनुसार, “विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई इकाई (एसपीवी) के माध्यम से अनुबंध के निष्पादन के लिए समूह के प्रमुख सदस्य रामकृष्ण के अनुरोध पर नौ दिसंबर, 2024 की तारीख वाले आरबी (रेलवे बोर्ड) के पत्र के माध्यम से सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की गई है, जो कि प्रमुख सदस्य (रामकृष्ण) से संबंधित एसपीवी में बहुसंख्यक शेयरधारकों के संबंध में एक निश्चित शर्त के अधीन है। रामकृष्ण की ओर से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है।”

बयान में कहा गया, “जानकारी के अनुसार, कंपनी ने पहिया परियोजना की स्थापना के लिए तमिलनाडु में 72.75 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है, तथा परियोजना के लिए निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। शेड निर्माण सहित सिविल कार्य जारी है।”

मंत्रालय ने कहा कि विक्रेता से मिली सूचना के अनुसार सभी मशीनों का ऑर्डर दे दिया गया है, तथा उनकी आपूर्ति मार्च, 2025 में शुरू होने की उम्मीद है। “जानकारी के अनुसार, संयंत्र का निर्माण मार्च, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। रामकृष्ण के अनुरोध पर, रेलवे बोर्ड ने नमूना उद्देश्यों के लिए भुगतान के आधार पर 20 पहियों के जारी करने के लिए एक पत्र जारी किया है।”

भाषा अनुराग रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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