नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने कतर से मिलने वाली तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की संरचना में बदलाव की भरपाई के लिए 2028 के मध्य से ईथेन का आयात करने की योजना बनाई है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने इस संबंध में एक निविदा जारी की है। भारत कतर से प्रति वर्ष 75 लाख टन एलएनजी आयात करता है। इस सौदे के तहत, कतर एनर्जी प्रति वर्ष 50 लाख टन एलएनजी की आपूर्ति करती है, जिसमें मीथेन के साथ ही ईथेन और प्रोपेन शामिल हैं।
मीथेन का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने, सीएनजी में बदलने या खाना पकाने के ईंधन के रूप में किया जाता है।
यह अनुबंध 2028 में खत्म हो रहा है। ओएनजीसी ने गुजरात के दाहेज में सी2 (ईथेन) और सी3 (प्रोपेन) निकालने का संयंत्र स्थापित करने में लगभग 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए। निकाले गए सी2/सी3 का उपयोग इसकी पेट्रोरसायन सहायक कंपनी ओएनजीसी पेट्रो एडिशन लिमिटेड (ओपीएएल) में कच्चे माल के रूप में किया गया।
एलएनजी की बदली हुई संरचना के साथ, कंपनी अब ईथेन आयात करने पर विचार कर रही है।
भाषा पाण्डेय अजय
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