रामगढ़ (झारखंड), 11 जनवरी (भाषा) झारखंड के रामगढ़ जिले में पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) के पहले चरण की 800-800 मेगावाट की तीन इकाइयां इस साल के अंत तक परिचालन में आ जाएंगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
पीवीयूएनएल, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का संयुक्त उद्यम है।
पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आर के सिंह ने शुक्रवार को कहा कि 2025 झारखंड और रामगढ़ के लिए विकास और उपलब्धियों का वर्ष होगा। इस साल दिसंबर तक पहले चरण की सभी तीन इकाइयां दिसंबर तक परिचालन में आ जाएंगी। इनकी क्षमता 800-800 मेगावाट है।
एनटीपीसी और जेबीवीएनएल के बीच हुए समझौता के मुताबिक, पीवीयूएनएल द्वारा उत्पादित 85 प्रतिशत बिजली झारखंड को भेजी जाएगी। इस तरह झारखंड को पहले चरण से 2,000 मेगावाट से अधिक बिजली मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 800-800 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयों वाली बिजली परियोजना के लिए पहल शुरू की गई है।
सिंह ने कहा, “पीवीयूएनएल को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 800-800 मेगावाट की तीन इकाइयां दिसंबर, 2025 तक परिचालन में आ जाएंगी। जहां 800 मेगावाट क्षमता की पहली इकाई जनवरी के अंत तक, वहीं समान क्षमता की दूसरी इकाई सितंबर में और तीसरी इकाई दिसंबर तक परिचालन में आ जाएगी।”
परियोजना के प्रस्ताव के मुताबिक, संयुक्त उद्यम कंपनी परियोजना को दो चरणों में विकसित करेगी। पहले चरण में 2,400 मेगावाट और दूसरे चरण में 1,600 मेगावाट क्षमता विकसित की जाएगी।
भाषा अनुराग प्रेम
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