नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि निजी क्षेत्र को भारत की अर्थव्यवस्था की भविष्य की कौशल आवश्यकता का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक ‘प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली’ की तरह काम करना चाहिए।
उन्होंने साथ ही कहा कि निजी क्षेत्र को न केवल एक प्रशिक्षण भागीदार के रूप में काम करना चाहिए बल्कि भविष्य के संबंध में वित्तीय और रोजगार हितधारक के रूप में भी मजबूत भागीदारी करनी चाहिए।
चंद्रशेखर ने कहा कि उद्योग को अगले एक से तीन साल में देश में आवश्यक कौशल का पूर्वानुमान लगाना चाहिए, और कौशल भागीदारों और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन क्षेत्रों में प्रमुख पाठ्यक्रम विकसित किए जाए, तैयार किए जाएं, उन्हें मान्यता मिले, प्रमाणन मिले और वे उपलब्ध हों।
चंद्रशेखर कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री भी हैं।
उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नास्कॉम की एक पहल ‘फ्यूचरस्किल्स प्राइम’ के शुभारंभ के मौके पर कहा, ‘हमें निजी क्षेत्र को प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का रूप देना होगा जो हमें बताए कि हमारी अर्थव्यवस्था को कौन से कौशल की आवश्यकता है … मुझे लगता है कि यह सरकार और उद्योग के बीच साझेदारी को चिह्नित करने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।’
भाषा प्रणव रमण
रमण
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)