नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) सरकार द्वारा खाद्य तेलों का आयात शुल्क मूल्य घटाये जाने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को अधिकांश तेल-तिलहनों (सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल या सीपीओ एवं पामोलीन तेल) के दाम हानि दर्शाते बंद हुए। जबकि कीमतों में सुधार होने के बावजूद मौजूदा बिनौला खलों का दाम कमजोर बने रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।
मलेशिया एक्सचेंज बुरी तरह से टूटा है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में भी कमजोरी का रुख है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने खाद्य तेलों के आयात शुल्क में भारी कमी की है तथा सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में 157 रुपये क्विंटल की कमी की है। इसी प्रकार, पामोलीन के आयात शुल्क मूल्य में 71 रुपये क्विंटल की तथा सोयाबीन डीगम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 93 रुपये क्विंटल की कमी की है। इस कमी का असर सभी तेल तिलहनों पर आया है जिससे कारोबारी धारणा प्रभावित हुई और उनके कीमतों में गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि मलेशिया में भारी गिरावट के बीच आसमान छू रहे सीपीओ का दाम एफ बार फिर से सोयाबीन तेल से 10-20 डॉलर प्रति टन नीचे आ गया है जो अभी तक सोयाबीन तेल से 150 डॉलर अधिक बना हुआ था। यह स्थिति मलेशिया एक्सचेंज में सट्टेबजी गतिविधियों की ओर इशारा करती है।
सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क मूल्य में कमी किये जाने का असर वैसे सभी तेल-तिलहन कीमतों पर आया है और बाजार धारणा प्रभावित हुई है। लेकिन अगले महीने सरसों की नयी फसल आने की सुगबुगाहट के बीच सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
उन्होंने कहा कि कल रात सोयाबीन का दाम टूटा था और आज भी सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट है। दूसरी ओर मलेशिया एक्सचेंज के धराशायी होने के कारण पाम एवं पामोलीन तेल कीमतों में भी गिरावट आई।
सूत्रों ने कहा कि वैसे देखा जाये तो पाम, पामोलीन के दाम जरूर टूटे हैं पर अब भी यह सोयाबीन के भाव के आसपास बना हुआ है और जबतक इसका भाव सोयाबीन तेल से 4-5 रुपये प्रति किलो कम नहीं होगा, लिवाल नहीं मिलने के कारण मौजूदा दाम पर इसका खपना मुश्किल बना रहेगा।
सूत्रों ने कहा कि वैसे तो बिनौला खल के दाम में कुछ सुधार आया है मगर सुधार के बावजूद यह दाम 3,800 रुपये क्विंटल से पहले के दाम से कम ही है। इस परिस्थिति के बीच मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,525-6,575 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,850-6,175 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,105-2,405 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,295-2,395 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,295-2,420 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,425 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,550 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,350-4,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,050-4,150 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
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