उत्तराखंड: कोरोना संकट के बाद से दैनिक उपभोग की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं। लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे को कवर करने व्यापारी उपभोक्ताओं से मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। देश में खाद्य तेल, पेट्रोल-डीजल सहित कई चीजों के बढ़े हुए दाम को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। वहीं, देश के कुछ ऐसे हिस्से भी हैं, जहां डेली यूज के सामानों की कीमतें आसामन छू रही हैं।
भारत में चीन से लगती बॉर्डर के कुछ गांवों में महंगाई चरम पर पहुंच गई हैं। उत्तराखंड के मुनस्यारी इलाके में भारत-चीन सीमा पर बसे गांवों बुर्फू, लास्पा और रालम में खाने-पीने का आयटम 4 से 6 गुना महंगे दामों में बिक रहा है। मिली जानकारी के अनुसार चीन की सीमा से लगे उत्तराखंड के कई गांवों में 20 रुपए प्रति किलो मिलने वाला नमक 130 रुपए किलो में बिक रहा है। वहीं, दाल 200 रुपए किलो, सरसों तेल का भाव 275 रुपए, प्याज 125 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। शक्कर और आटा भी डेढ़ सौ रुपए किलो मिल रहा है।
दऱअसल चीन से लगती सीमा में बारिश के बाद स्थितियां बेहद खराब हो जाती हैं, जगह जगल लैंड स्लाइड के वजह से रास्ते बंद हो जाते हैं। इस समय इन सभी मुश्किलों के चलते घोड़े और खच्चर वालों से दैनिक उपयोग का सामान खरीदना पड़ रहा है। मजदूरों ने ढुलाई किराए में भारी बढ़ोतरी हुई है। साल 2019 में जहां किराया प्रति किलो 40 से 50 रुपए था, उसे बढ़ा कर 80 से 120 रुपए तक किया गया है। कोरोना के बाद से नेपाली मूल के मजदूर भी नहीं आ रहे हैं। इस कारण से रिकॉर्ड तोड़ महंगाई बढ़ी है।
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