नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि पिछले एक दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में नौ घंटे और शहरी क्षेत्रों में 1.4 घंटे का उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बिजली मंत्रालय के लिए संसद सदस्यों की परामर्शदात्री समिति की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में पुनरीक्षित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।
इस बैठक में मंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में शहरी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 22 घंटे से बढ़कर 23.4 घंटे हो गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 12.5 घंटे से बढ़कर 22.4 घंटे हो गई है।
आरडीएसएस योजना के बारे में मंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं और वितरण कंपनियों दोनों को लाभ होगा क्योंकि इससे बिलिंग त्रुटियां कम होंगी, ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा मिलेगी।
मनोहर लाल ने कहा कि मंत्रालय ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ समन्वय में पीएम सूर्य घर योजना के तहत छतों पर सौर इकाइयां (आरटीएस) लगाते समय उपभोक्ताओं को होने वाली मुश्किलें कम करने के लिए कई उपाय किए हैं।
उन्होंने कहा, “इन उपायों में 10 किलोवाट तक के कनेक्शनों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की शर्त को हटाना, 10 किलोवाट तक के आरटीएस प्रतिष्ठानों के लिए भार वृद्धि को लागू करना आदि शामिल हैं।”
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आरडीएसएस योजना के तहत विभिन्न राज्यों में 29 नवंबर तक लगभग 73 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। हालांकि 11 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में एक भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगे हैं।
जुलाई, 2021 में शुरू की गई पुनरीक्षित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत 3.3 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय से मार्च, 2025 तक लगभग 25 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं।
अब तक 1.12 लाख करोड़ रुपये के काम आवंटित किए जा चुके हैं जो कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
भाषा अनुराग प्रेम
प्रेम
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