भारतीय पारेषण लाइन के जरिये नेपाल से बांग्लादेश को बिजली निर्यात शुरू |

भारतीय पारेषण लाइन के जरिये नेपाल से बांग्लादेश को बिजली निर्यात शुरू

भारतीय पारेषण लाइन के जरिये नेपाल से बांग्लादेश को बिजली निर्यात शुरू

:   Modified Date:  November 15, 2024 / 07:05 PM IST, Published Date : November 15, 2024/7:05 pm IST

नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) नेपाल से भारतीय पारेषण लाइन के माध्यम से बांग्लादेश को बिजली निर्यात शुक्रवार को शुरू हुआ। यह पहला मौका है जब भारतीय ग्रिड के माध्यम से त्रिपक्षीय बिजली सौदा हुआ है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बिजली मंत्री मनोहर लाल ने डिजिटल माध्यम से बांग्लादेश के बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय के सलाहकार मोहम्मद फौजुल कबीर खान और नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री दीपक खड़का के साथ इस व्यवस्था का उद्घाटन किया।

इस कार्यक्रम की मेजबानी नेपाल सरकार के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय ने की।

इस व्यवस्था के तहत भारतीय ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश तक 40 मेगावाट तक सीमा पार बिजली पारेषण को मंजूरी दी गयी है।

इस बिजली लेनदेन के लिए भारतीय ग्रिड के अंतर्गत शुरुआती और निकासी बिंदु क्रमश: मुजफ्फरपुर सबस्टेशन (मुजफ्फरपुर-ढालकेबार 400 केवी डीसी लाइन) और बेहरामपुर सबस्टेशन (भारतीय क्षेत्र में स्थित बेहरामपुर-बेहरामारा 400 केवी 2xडीसी लाइन) हैं।

बयान के अनुसार, यह पहला मौका है जब भारतीय ग्रिड के माध्यम से त्रिपक्षीय बिजली सौदा हुआ है।

भारत सरकार ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की बीते साल 31 मई से तीन जून की भारत यात्रा के दौरान भारतीय ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश तक पहले त्रिपक्षीय बिजली लेनदेन की सुविधा प्रदान करने के अपने निर्णय की घोषणा की थी।

यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जतायी थी। इसका मकसद सभी पक्षों के पारस्परिक लाभ के लिए अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों को बढ़ाना है।

इसके बाद, तीन अक्टूबर, 2024 को काठमांडू में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम, नेपाल विद्युत प्राधिकरण और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच एक त्रिपक्षीय बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।

बयान के अनुसार, भारतीय ग्रिड के जरिये नेपाल से बांग्लादेश तक बिजली प्रवाह की शुरुआत से बिजली क्षेत्र में उप-क्षेत्रीय संपर्क सुविधा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

भाषा

रमण अजय

अजय

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)