नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) रियल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गज के पी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सभी प्रमुख शहरों में शहरी बुनियादी ढांचे के विकास का खाका तैयार करने के लिए एक ऐसी उच्चस्तरीय मंत्रिमंडल स्तरीय समिति गठित करने का आग्रह किया है, जो पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था को समर्थन दे सके।
सिंह (95) ने अपनी दूसरी किताब ‘व्हाई द हेक नॉट?’ के विमोचन के अवसर पर पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि शहरी मास्टर प्लान अल्पकालिक नहीं बल्कि 100 साल के लिए होना चाहिए।
उनकी आत्मकथा ‘व्हाटएवर द ऑड्स’ का विमोचन नवंबर, 2011 में जीई के पूर्व चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जैक वेल्च ने किया था।
रियल्टी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डीएलएफ के मानद चेयरमैन सिंह ने शहरी बुनियादी ढांचे की मौजूदा स्थिति को ‘बेहद गलत’ बताया। उन्होंने कहा कि इसमें ‘कठोर कदम’ उठाने की जरूरत है, क्योंकि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
गुरुग्राम जैसे शहरों में यातायात की समस्या और उच्च प्रदूषण स्तर का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि ये बड़े मुद्दे हैं और ‘मेरे विचार से देश के सर्वोच्च व्यक्ति को इसपर ध्यान देने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, “इसलिए, आप पहले से योजना बनाते हैं, यह अच्छी तरह जानते हुए कि भारत एक लोकतंत्र है और वृद्धि होने जा रही है। इसलिए, वृद्धि के लिए जो शहरी बुनियादी ढांचा पहले से आवश्यक है, वह यहां नहीं हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “जब तक कठोर कदम नहीं उठाए जाएंगे, समस्या का समाधान नहीं हो सकता।”
सिंह ने कहा कि सोच की प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है, जो 1950 के दशक से ही ‘अदूरदर्शी’ बनी हुई है।
अपनी पुस्तक में उन्होंने कहा कि सड़कों, सीवरेज लाइनों और जलापूर्ति जैसे शहरी बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
भाषा अनुराग अजय
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