नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि राजकोषीय स्थिरता का वादा करने वाला नया कानून लागू होने के बाद तेल एवं गैस कंपनियों को अप्रत्याशित लाभ कर जैसे किसी भी नए कर का सामना नहीं करना पड़ेगा।
संसद ने तेल-क्षेत्र (विनियमन और विकास) विधेयक, 2024 पारित किया है जो निवेशकों को नीतिगत स्थिरता प्रदान करता है, प्रावधानों को अपराध-मुक्त करता है और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देता है।
पुरी ने विधेयक पारित होने पर आयोजित एक समारोह में कहा, ‘‘इस विधेयक के बाद अप्रत्याशित लाभ कर की तरह नए कर लगाना मुश्किल होगा क्योंकि कोई हम पर मुकदमा कर देगा (राजकोषीय स्थिरता का वादा पूरा करने में विफल रहने के लिए)।’’
तेल एवं गैस की खोज और उत्पादन में निवेश के इच्छुक निवेशक राजकोषीय स्थिरता चाहते हैं, और नए कर अक्सर इसमें बाधक बनते हैं।
भारत ने एक जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही वह ईंधन कंपनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया था।
उस समय पेट्रोल और विमानन ईंधन पर छह रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था।
दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े इन कर दरों की समीक्षा की जाती थी। हालांकि, 30 महीने बाद पिछले साल दिसंबर में इस कर को समाप्त कर दिया गया था।
पुरी ने कहा कि वैश्विक पेट्रोलियम कंपनियां भारत में निवेश करने की संभावना तलाश रही हैं। उन्होंने कहा कि नया कानून उन सभी कंपनियों के लिए भारत आने और देखने के हालात बनाता है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)