जयपुर: Petrol ki Kimat Kya hai Aaj मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक आयोजित की गई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री शर्मा ने उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं डॉ. प्रेमचन्द्र बैरवा के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि प्रदेशवासियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर 2 प्रतिशत वेट की कमी करने, अलग-अलग जिलों में पेट्रोल व डीजल की दरों में अन्तर की विसंगति को दूर करने और सरकारी कार्मिकों को केन्द्र के समान 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने के महत्वपूर्ण निर्णय किये है।
Petrol ki Kimat Kya hai Aaj मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती और दूरस्थ जिलोें में लोगों को पेेट्रोल और डीजल की दरें करीब 5 रुपए तक अधिक देनी पड़ रही थी, साथ ही, ऑयल मार्केटिंग कम्पनियों के डीलरों को भी इस विसंगति के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारन्टी को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने पेट्रोल तथा डीजल की वेट दर में 2 प्रतिशत कमी की है। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी के निर्देशानुसार दूरस्थ जिलों के लिए डिपो से पेट्रोल पम्प तक तेल परिवहन के मूल्य में भी कमी की गई है। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से प्रदेश में पेट्रोल पर 1 रुपए 40 पैसे से लेकर 5 रुपए 30 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल पर 1 रुपए 34 पैसे से लेकर 4 रुपए 85 पैसे प्रति लीटर तक कमी आएगी। नई दरें 15 मार्च 2024 को सुबह 6 बजे से प्रभावी होंगी। आमजन को यह राहत प्रदान करने से राज्य सरकार पर 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर्स को संबल देने के लिए केन्द्र सरकार के अनुरूप मंहगाई भत्ते में 4 प्रतिशत वृद्धि करने का निर्णय किया है। इससे मंहगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा। प्रदेश के 8 लाख कर्मचारी एवं 4 लाख 40 हजार पेंशनर इस निर्णय से लाभान्वित हांेगे। मंहगाई भत्ते की बढ़ी हुई दरें 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होंगी। कर्मचारियों को मार्च 2024 के वेतन (देय अपै्रल 2024) से बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा। जनवरी एवं फरवरी माह की राशि संबंधित कर्मचारियों के जीपीएफ, जीपीएफ-2004 अथवा जीपीएफ-एसएबी खातों में जमा की जाएगी। सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर्स को यह राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 1640 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करेगी। पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों को भी बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है। तीन साल बाद राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र सरप्लस की स्थिति में आ जाएगा और प्रदेश बिजली खरीदने के स्थान पर दूसरे राज्यों को बिजली बेचने में सक्षम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस क्रम में बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं एवं 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के एमओयू किए गए है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर उर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गये हैं। इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट तथा 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी। शर्मा ने बताया कि 800 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया माध्यम से करने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64,000 करोड़ रुपए का निवेश अपेक्षित है। इस प्रकार प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में कुल करीब सवा दो लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा।
मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीआरआईएफ के अंतर्गत राजस्थान में 31 प्रमुख जिला सड़कों और राज्य राजमार्गों को चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 972.80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए है। साथ ही, सीआरआईएफ के अंतर्गत सेतु बंधन योजना के तहत विभिन्न जिलों में 07 आरओबी, आरयूबी, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिए 384.56 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
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