बायो डीजल पर GST में कटौती, ऑनलाइन खाना मंगाना पड़ेगा महंगा, जानिए GST काउंसिल की बैठक में लिए गए अहम फैसले |Petrol, diesel not yet in GST, e-commerce app offering restaurant services to be taxed

बायो डीजल पर GST में कटौती, ऑनलाइन खाना मंगाना पड़ेगा महंगा, जानिए GST काउंसिल की बैठक में लिए गए अहम फैसले

बायो डीजल पर GST में कटौती! Petrol, diesel not yet in GST, e-commerce app offering restaurant services to be taxed

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : September 17, 2021/11:39 pm IST

नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाने का निर्णय किया। बैठक में रेस्तरां सेवा प्रदाता और यात्री परिवहन से जुड़े ई-वाणिज्य मंचों पर कर लगाने का फैसला किया गया। साथ ही, कोविड-19 के उपचार से संबंधित दवाओं पर रियायती कर की दरों की समयसीमा तीन माह बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 करने का निर्णय किया गया है। जीएसटी पर निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद की यहां हुई 45वीं बैठक में पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाने का फैसला किया गया है। इसकी वजह यह बताई गई है कि मौजूदा उत्पाद शुल्क और वैट (मूल्य वर्धित कर) को समाहित कर दिये जाने से राजस्व पर असर पड़ेगा।

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं। बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘जीएसटी परिषद का मानना है कि यह पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का यह सही समय नहीं है।’’ बैठक में रेस्तरां सेवा प्रदाता (जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां) और यात्री परिवहन से जुड़े ई-वाणिज्य परिचालकों की सेवाओं पर एक जनवरी, 2022 से 5 प्रतिशत जीएसटी लेने का निर्णय किया गया। सीतारमण के अनुसार परिषद ने कोविड-19 के उपचार से संबंधित कुछ दवाओं पर रियायती कर की दरों को जारी रखने की समयसीमा को तीन महीने यानी 31 दिसंबर तक बढ़ाने का भी फैसला किया। हालांकि, यह लाभ चिकित्सा उपकरण के मामले में नहीं दिया जाएगा।

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कुछ चिकित्सा उपकरण पर रियायती कर की व्यवस्था 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा, परिषद ने कैंसर उपचार से संबंधित दवाओं और पोषक तत्वों से युक्त चावल केरनेल पर जीएसटी 18 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया। डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ राज्यों द्वारा वस्तुओं की ढुलाई को लेकर वसूले जाने वाले राष्ट्रीय परमिट शुल्क को जीएसटी से छूट दी गयी है। जोल्गेन्स्मा और विलटेप्सो जैसी मांसपेशियों के उत्तकों के क्षरण (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी) में उपयोगी दवाओं पर जीएसटी से छूट दी गई है, जिस पर करोड़ों रुपये की लागत आती है। वित्त मंत्री ने कहा कि पट्टे वाले विमानों को आई-जीएसटी (एकीकृत जीएसटी) से छूट दी गयी है। परिषद ने सभी प्रकार के पेन (कलम) पर 18 प्रतिशत की एकल दर से जीएसटी जबकि विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगाने का निर्णय किया गया है।

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सीतारमण ने कहा कि परिषद ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर एक जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे (कच्चे माल पर कम और तैयार माल पर अधिक शुल्क) को ठीक करने को लेकर सहमति जतायी है। कोविड-19 महामारी के बाद आमने-सामने बैठकर हो रही यह परिषद की पहली बैठक है। इस तरह की आखिरी बैठक 20 महीने पहले 18 दिसंबर 2019 को हुई थी। उसके बाद से परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो रही थी।

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