बाजार के शरारती तत्वों के बारे में नियामक को अवगत कराएं प्रतिभागीः सेबी प्रमुख |

बाजार के शरारती तत्वों के बारे में नियामक को अवगत कराएं प्रतिभागीः सेबी प्रमुख

बाजार के शरारती तत्वों के बारे में नियामक को अवगत कराएं प्रतिभागीः सेबी प्रमुख

:   Modified Date:  July 4, 2024 / 08:47 PM IST, Published Date : July 4, 2024/8:47 pm IST

मुंबई, चार जुलाई (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बृहस्पतिवार को बाजार प्रतिभागियों से पूंजी बाजार में मौजूद शरारती तत्वों के बारे में जानकारी देने का आह्वान किया।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख बुच ने स्पष्ट तौर पर कहा कि गलत आचरण में लिप्त लोगों की ऐसी रिपोर्टिंग बाजार प्रतिभागियों के अपने ही हित में है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले कि कोई गलत आचरण एक प्रणालीगत मुद्दे में बदल जाए और सेबी को सख्त नियम बनाने के लिए मजबूर कर दे, नियामक का हित किसी भी गलत आचरण पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने में ही है।’’

सेबी की मुखिया ने यहां एक कार्यक्रम में पोर्टफोलियो प्रबंधकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘’अपने संगठन से बाजार में शरारती तत्वों की किसी भी गलत हरकत को नियामक के सामने लाने का आग्रह करें, ताकि नियामक जल्दी कार्रवाई कर सके और तबतक इंतजार न करे जबतक कि यह प्रणाली में ‘विस्फोट’ न हो जाए और फिर हमें कठोर कार्रवाई करनी पड़े।’’

बैंकर से बाजार नियामक बनीं बुच ने अपने खुद के अनुभव को याद करते हुए कहा कि कानून का पालन करने वाले भागीदार के लिए निराशाजनक होता है जब उसे पता चलता है कि उद्योग का कोई साथी गलत तरीके अपनाकर लाभ कमा रहा है।

बुच ने कहा, ‘‘अच्छे लोगों को जीतना चाहिए। आपको हमें बताना चाहिए कि किस तरह की गड़बड़ चल रही है ताकि हम इसे शुरू में ही रोक सकें। यह आपके अपने हित में ही है कि आप नियामक को बताएं कि बाजार में क्या-क्या गलत चल रहा है।’’

सेबी प्रमुख ने कहा कि जब कोई गड़बड़ होती है, तो भरोसा खत्म हो जाता है और इसके दो व्यापक परिणाम होते हैं। पहला, भरोसा दोबारा कायम करने में बहुत समय लगता है। दूसरा परिणाम नए गलत कार्यों के लिए एक मजबूत नियामकीय प्रतिक्रिया के रूप में सामने आता है।

बुच ने कहा कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में हरेक भागीदार के लिए भरोसा बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर यह झूठा साबित होता है, तो फिर समूची प्रणाली ताश के पत्तों की तरह ढह सकती है।

बुच ने कहा, ‘‘विनियामक के साथ नियमित बातचीत से नियमों का मिलकर निर्माण किया जा सकेगा। सेबी यह नजरिया विशुद्ध रूप से आत्म-संरक्षण के लिहाज से अपना रहा है और यह कोई उदारता से उठाया गया कदम नहीं है।’’

बुच ने कहा कि पोर्टफोलियो प्रबंधकों के मामले में सेबी उद्योग को म्यूचुअल फंड और वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के बीच में देखता है और यही स्थिति आगे भी जारी रहेगी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)