मलेशिया एक्सचेंज की तेजी से सरसों से महंगा हुआ पामोलीन तेल |

मलेशिया एक्सचेंज की तेजी से सरसों से महंगा हुआ पामोलीन तेल

मलेशिया एक्सचेंज की तेजी से सरसों से महंगा हुआ पामोलीन तेल

:   Modified Date:  October 7, 2024 / 09:26 PM IST, Published Date : October 7, 2024/9:26 pm IST

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) मलेशिया एक्सचेंज में दर्ज हुई मजबूती के बीच देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में पहले सरसों से काफी नीचे रहने वाला पामोलीन तेल का दाम अब सरसों से महंगा हो गया है और सरसों तेल-तिलहन के दाम में पिछले बंद भाव के मुकाबले गिरावट देखी गई।

डी-आयल्ड केक (डीओसी) की कमजोर मांग के कारण सोयाबीन तिलहन में भी गिरावट दर्ज हुई।

दूसरी ओर, आवक बढ़ने के बीच अच्छे माल की कमी की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन, मलेशिया एक्सचेंज के तेज होने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम मजबूत बंद हुए। वहीं नवरात्रि के दौरान खाद्य तेल की खपत कम रहने से सोयाबीन तेल और बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

मलेशिया एक्सचेंज दो प्रतिशत से अधिक की मजबूती है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार चल रहा है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि हरियाणा में सरसों तेल का थोक भाव 140.25 रुपये किलो है जबकि मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत रहने के बीच पामोलीन तेल का थोक दाम 141 रुपये किलो है। आमतौर पर सरसों तेल, पामोलीन से काफी महंगा होता है लेकिन मौजूदा समय में पामोलीन के दाम बढ़ते जा रहे हैं और अब नौबत यहां आ गई है कि यह सरसों तेल से भी महंगा हो चला है।

उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए देश के खद्य तेल-तिलहन का उत्पादन बढ़ाने की ओर ध्यान देने की जरूरत है। एक समय पामोलीन काफी सस्ता था लेकिन अब विदेशों में बायोडीजल के निर्माण के लिए पाम, पामोलीन का उपयोग बढ़ाये जाने के बाद से पाम, पामोलीन के दाम भी बढ़ाये जा रहे हैं। यह स्थिति विदेशों से खाद्य तेलों के आयात की निर्भरता के प्रति हमें सचेत होने और आत्मनिर्भरता हासिल करने की ओर बढ़ने का संकेत देती है।

सूत्रों ने कहा कि डी-आयल्ड केक (डीओसी) की निर्यात मांग कमजोर रहने से सोयाबीन तिलहन में गिरावट रही। निर्यात मांग बढ़ती है तो स्थानीय मांग भी बढ़ती है। सरकार को सोयाबीन डीओसी के निर्यात को बढ़ाने के लिए सब्सिडी देने का प्रयास करना चाहिये। नवरात्रि के दौरान मांसाहार बंद होने से तेल की खपत कम रहती है इसलिए इस दौरान कमजोर मांग रहने से सोयाबीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर हैं। नवरात्रि के बाद खपत बढ़ने की उम्मीद को देखते हुए खाद्य तेलों के दाम में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पूरे सोयाबीन की खरीद करना एक मुश्किल सबक है। अगर सरकार सारा सोयाबीन खरीद भी लेती है तो ऐन त्योहारों के समय प्रसंस्करण मिलों का क्या होगा और स्थानीय लोगों को त्योहार के लिए खाद्य तेल के साथ साथ डीओसी की जरूरत कहां से पूरी की जायेगी? जिस तरह से आयात शुल्क बढ़ाकर सरसों का बाजार बनाया गया है उसी तरह सोयाबीन सहित अन्य देशी तेल-तिलहनों का बाजार विकसित करने की ओर पूरा ध्यान देना होगा।

सूत्रों ने कहा कि पहले के लगभग 75 हजार बोरी के मुकाबले मूंगफली की आवक बढ़कर लगभग एक लाख बोरी हो गई है लेकिन माल में नमी होने की वजह से लिवाली कमजोर रही। खरीद के लिए सूखी मूंगफली उपज की कमी की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन में सुधार आया।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से मूंगफली 5-7 प्रतिशत नीचे दाम पर, सोयाबीन लगभग 10 प्रतिशत नीचे दाम पर तथा सूरजमुखी लगभग 20 प्रतिशत नीचे दाम पर बिक रहा है। इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

सूत्रों ने कहा कि इस बार किसानों को कपास नरमा के दाम पहले के 6,000-6,200 रुपये क्विंटल के मुकाबले लगभग 7,400-7,700 रुपये क्विंटल मिल रहे हैं जिससे किसानों में खुशी है। मौजूदा कीमत को बनाये रखने के प्रयास जारी रखने होंगे जिससे कपास उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसी तरह मिलावट वाले नकली बिनौला खल पर लगाम लगाकर इसके दाम अच्छे रखने का प्रयास किया जाना चाहिये जिससे भी कपास उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,725-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,325-6,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,880 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,255-2,555 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,025 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,185-2,285 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,185-2,300 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,550 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,000 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,625-4,670 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,385-4,630 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)