नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि हरियाणा और पंजाब अपनी धान खरीद का लक्ष्य पूरा करने की राह पर हैं। भारी बारिश के कारण खरीद का काम देर से शुरू होने के बावजूद पहले ही 112 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है।
एक बयान में कहा गया है कि हरियाणा के कैथल और कुरुक्षेत्र जैसे प्रमुख जिलों में खरीद का काम जोरों पर है, जो खरीद पिछले साल के स्तर के करीब है।
मंगलवार तक, चालू खरीफ विपणन सत्र 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) में पंजाब के 3.5 लाख किसानों को 13,211 करोड़ रुपये और हरियाणा के 2.75 लाख किसानों को 10,529 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
आज की तारीख तक, पंजाब में 10 लाख किसानों और हरियाणा में 4.06 लाख किसानों ने इस साल अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण कराया है।
मंत्रालय ने भरोसा जताया कि दोनों राज्य अपने खरीद लक्ष्य – पंजाब के लिए 185 लाख टन और हरियाणा के लिए 60 लाख टन – को क्रमशः 30 नवंबर और 15 नवंबर की निर्धारित तिथियों तक पूरा कर लेंगे।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों राज्यों में खरीद अभियान जोरों पर है।’’ उसने कहा कि ‘‘एक भी दाना बिना खरीदे नहीं छोड़ा जाएगा।’’
पिछले साल की तुलना में पंजाब में खरीद 20.3 प्रतिशत घटकर 67 लाख टन और हरियाणा में 13.46 प्रतिशत घटकर 45 लाख टन रह गई है, लेकिन मंत्रालय ने कहा कि राज्य अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए ‘‘अच्छी प्रगति की राह पर’’ हैं।
पंजाब की मंडियों से प्रतिदिन करीब चार लाख टन और हरियाणा से 1.5 लाख टन धान उठाया जा रहा है।
सितंबर में भारी बारिश के बाद नमी की मात्रा बढ़ने के कारण खरीद में देरी हुई, लेकिन मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि किसानों को 48 घंटे के भीतर सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से एमएसपी का भुगतान किया जा रहा है।
चावल मिल मालिकों के लिए ऐप-आधारित एफसीआई शिकायत निवारण प्रणाली (एफसीआई जीआरएस) शुरू की गई है, जिससे चावल मिल मालिकों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा उनकी शिकायतों का कुशल, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से समाधान कराने में सुविधा होगी।
भाषा राजेश राजेश अजय
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